शहीदी दिवस के मौके पर शहीद-ऐ-आज़म भगत सिंह को पैतृक गांव खटकड़ कलां में दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री द्वारा शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू और शहीद सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए ठोस यत्न करने का ऐलान

महान शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए लोगों से सहयोग की मांग

शहीदी दिवस के मौके पर शहीद-ऐ-आज़म भगत सिंह को पैतृक गांव खटकड़ कलां में दी श्रद्धांजलि

खटकड़ कलां (शहीद भगत सिंह नगर)……पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज शहीद-ए-आजम भगत सिंह के पैतृक गाँव खटकड़ कलां में श्रद्धांजलि अर्पित करने के उपरांत कहा कि पंजाब सरकार द्वारा शहीद भगत सिंह, शहीद राजगुरू और शहीद सुखदेव को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए ठोस और सहृदय यत्न किये जाएंगे।

शहीद भगत सिंह के भतीजे स्व. अभय संधू की पत्नी श्रीमती तेजी संधू, श्री अभय संधू की बेटी श्रीमती अनुश प्रिया, श्री प्रभदीप सिंह बैनीवाल, श्री हकूमत सिंह मल्ली, श्री जोरावर सिंह संधू, श्री गौरव संधू, श्रीमती कन्नगी संधू और अन्य पारिवारिक सदस्यों के साथ बातचीत करते हुये मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि भारत की आज़ादी के संघर्ष के महान नायक और उनके दोनों साथियों को शहीद का दर्जा दिलाने के लिए हमारी सरकार हर संभव यत्न करेगी, जिन्होंने छोटी उम्र में देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। उन्होंने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज़ादी के 70 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इन राष्ट्रीय नायकों को यह दर्जा नहीं दिया गया। श्री भगवंत मान ने कहा कि देश को बर्तानवी साम्राज्यवाद के चंगुल में से निकालने के लिए समूची कौम सरदार भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव की अद्वितीय शहादत की सदा ऋणी रहेगी।

शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के सपनों को साकार करने के लिए लोगों के पूर्ण सहयोग की माँग करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार शहीद भगत सिंह की सहृदय सोच पर डट कर पहरा देने और खुशहाल और समानता वाले समाज की सृजन करने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज़ादी संघर्ष के नौजवान नायक ने देश को विदेशी साम्राज्यवादी ताकतों से मुक्त करवाने के लिए छोटी उम्र ही अपनी जान कुर्बान कर दी थी। श्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार इस महान नायक की इच्छा को पूरा करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी।

मुख्यमंत्री ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि अब तक देश और राज्य में सत्ता संभालने वालों ने शहीद भगत सिंह के सपने को व्यवहारिक रूप देने के लिए कुछ भी नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे नौजवानों को रोज़गार और बेहतर भविष्य की खोज में उन मुल्कों में ही जाने के लिए मजबूर होना पड़ा जिनके मूल निवासियों को शहीद भगत सिंह और अन्य आज़ादी संग्रामियों ने लंबे आज़ादी संघर्ष के बाद देश से बाहर निकाला था। भगवंत मान ने कहा कि पंजाबियों के सहयोग से इस दुर्भाग्यपूर्ण रुझान पर नकेल डाली जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार इस नेक कार्य के लिए दिन-रात काम कर रही है। उन्होंने पंजाबियों को भरोसा दिलाया कि आप सरकार राज्य की तरक्की और लोगों के कल्याण के

लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगी। भगवंत मान ने कहा कि लोगों के सहयोग और मदद से बिना यह महत्वपूर्ण कार्य पूरा नहीं किया जा सकता।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने खटकड़ कलाँ स्थित संग्रहालय घर का दौरा भी किया। भावुक होकर भगवंत मान ने विज़टर बुक में लिखा, ‘‘खटकड़ कलां की पवित्र धरती हमेशा मेरे दिल के बहुत नज़दीक रही है। संग्रहालय में दर्शाये गये शहीद के जीवन विवरणों और निजी चीजों ने मुझे भावुक कर दिया है। शहीद-ए-आज़म के सपनों को साकार करना हमारा नैतिक फ़र्ज़ है।’’

मुख्यमंत्री ने शहीद के पारिवारिक सदस्यों को भी सम्मानित किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता स्वर्गीय किश्न सिंह की समाधि पर भी श्रद्धांजलि भेंट की। उन्होंने शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन भी अर्पित किये। उन्होंने सरदार भगत सिंह के परिवार के पैतृक घर को भी नमन किया।

इस मौके पर दूसरों के अलावा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री ऐ. वेणू प्रसाद, पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव श्री हुसन लाल, डिविज़नल कमिशनर श्री मनवेश सिद्धू, पर्यटन विभाग के विशेष सचिव श्रीमती कंवरप्रीत कौर, डिप्टी कमिशनर श्री विशेष सारंगल, सीनियर पुलिस कप्तान कंवरदीप कौर और अन्य उपस्थित थे।

इस मौके पर विधायक श्रीमती संतोश कटारिया, पूर्व मंत्री श्री जोगिन्द्र सिंह मान, ‘आप’ नेता श्री ललित मोहन पाठक और श्री कुलजीत सिंह सरहाल भी उपस्थित थे।

इस मौके पर गांव की पंचायत ने मुख्यमंत्री का सम्मान भी किया।

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