शपथ पत्र के अनुसार डा सैनी पर बैंक की छह लाख से अधिक की देनदारी भी है।

पंजाब

पंजाब सरकार द्वारा कागज़ी स्टैंप पेपर समाप्त, ई-स्टैंप सुविधा की शुरूआत

इस पहल से स्टैंप पेपरों की छपाई पर लगने वाले सालाना 35 करोड़ रुपए की होगी बचत: ब्रम शंकर जिम्पा

लोग परेशानी मुक्त तरीके से ले सकेंगे हर कीमत के ई-स्टैंप

चंडीगढ़…….पंजाब सरकार द्वारा राजस्व विभाग के कामकाज में और अधिक कुशलता लाने और राजस्व की होने वाली चोरी को रोकने के लिए अहम फ़ैसला लेते हुए कागज़ी रूप में मिलने वाले स्टैंप पेपर को समाप्त कर दिया गया है। अब से हरेक कीमत के स्टैंप पेपर को ई-स्टैंप के द्वारा यानि कंप्यूटर से प्रिंट-आउट के द्वारा किसी भी स्टैंप विक्रता या पंजाब सरकार द्वारा अधिकृत बैंकों से प्राप्त किया जा सकेगा।

इस सुविधा की शुरूआत करने के उपरांत पंजाब के राजस्व मंत्री श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने बताया कि पहले यह सुविधा केवल 20,000/- रुपए से ऊपर के स्टैंप पेपरों पर उपलब्ध थी। उन्होंने कहा, ‘‘हमने अब यह सुविधा एक रुपए के स्टैंप पेपर तक कर दी है, भाव सभी स्टैंप पेपर अब ई-स्टैंप के द्वारा प्राप्त किए जा सकते हैं।’’

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय से सालाना तकरीबन 35 करोड़ रुपए की बचत होगी, जो स्टैंप पेपरों की छपाई पर ख़र्च होते थे। इसके अलावा आम लोगों को बिना किसी मुश्किल के स्टैंप पेपर उपलब्ध होंगे, क्योंकि पहले कई बार स्टैंप पेपर लेते समय आम लोगों को दिक्कत आती थी या स्टैंप विक्रता के पास स्टैंप पेपर उपलब्ध नहीं होते थे या लोगों को अधिक दामों पर मुहैया करवाए जाते थे।

उन्होंने बताया कि ई-स्टैंप प्रणाली को लागू करने के लिए नोटीफिकेशन नं. ई-ऑफिस/188125-एसटी-2/7616, तारीख़ 27.05.2022 जारी किया जा चुका है।

श्री ब्रम शंकर जिम्पा ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा स्टैंप विक्रेता को एक रुपए से लेकर 19,999 रुपए तक के ई-स्टैंप पर 2 प्रतिशत की दर से कमिशन दिया जाएगा, जबकि आम लोगों को स्टैंप पेपर पूरे दाम पर ही मिलेंगे। उदाहरण के रूप में उनको 100 रुपए वाला स्टैंप पेपर 100 रुपए में ही मिलेगा और उनको इस पर कोई अतिरिक्त कमिशन नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम स्टैंप पेपरों में होने वाली हेराफेरी की संभावना को समाप्त करने में भी लाभप्रद होगा।

विभाग द्वारा पाँच और ई-सुविधाएं भी शुरू की गई हैं, जिनमें कर्ज/हाईपौथीकेशन एग्रीमेंट, एग्रीमेंट ऑफ प्लैज, हलफीया बयान और हलफऩामा, डिमांड प्रौमिसरी नोट और इनडिमनिटी बॉन्ड शामिल हैं। यह दस्तावेज़ भी अब सीधे कंप्यूटर के द्वारा जारी किए जा सकेंगे।

राजस्व विभाग के सचिव स. मनवेश सिंह सिद्धू ने बताया कि इस सुविधा को भारत सरकार की नेशनल ई-गवर्नेंस सर्विसिज लिमटिड (एन.ई.एस.एल.) के साथ तालमेल करके शुरू किया गया है। इससे जहाँ बैंकों को सुविधा होगी, वहीं उपरोक्त सभी सुविधाओं के लिए आम लोगों को बैंकों के अलावा किसी और जगह पर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

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