बिजली उत्पादन के लिए यूपी नहीं खरीदेगा विदेशी कोयला, योगी सरकार ने लगाई रोक

राज्य सरकार द्वारा विदेशी कोयला खरीदने की अनुमति न दिए जाने से निजी क्षेत्र के स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों को भी इस संबंध में निकाले गए टेंडर निरस्त करने होंगे। कारण है कि आयातित कोयले से बिजली महंगी होने की किसी भी तरह की भरपाई न सरकार और न ही पावर कारपोरेशन प्रबंधन द्वारा किया जाएगा।

विदेशी कोयले से एक रुपये यूनिट तक बिजली महंगी होने के कारण उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने नियामक आयोग में याचिका दाखिल कर आयातित कोयले पर रोक लगाने की मांग की थी।

इस पर आयोग ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन से जवाब-तलब किया था। चूंकि विदेशी कोयले से लगभग 11 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्ययभार आ रहा था इसलिए प्रबंधन ने सरकार से अनुमति मांगी थी। चूंकि सरकार ने अनुमति नहीं दी है इसलिए राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा विदेशी कोयला खरीदने के लिए अब टेंडर प्रक्रिया नहीं की जाएगी।

गौर करने की बात यह है कि निजी क्षेत्र के स्वतंत्र विद्युत उत्पादक रोजा, बजाज, लैंको आदि विदेशी कोयला खरीदने के लिए टेंडर निकाल चुके हैं। सरकार द्वारा अनुमति न दिए जाने पर अब सभी को टेंडर निरस्त करना होगा।

विदेशी कोयले पर रोक लगाने संबंधी याचिका दायर करने वाले परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने विदेशी कोयला खरीदने की अनुमति न देने पर मंगलवार को मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए प्रमुख सचिव ऊर्जा व उत्पादन निगम के प्रबंध निदेशक से मुलाकात की।

वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के दबाव के बाद भी ऐसा फैसला लेकर साबित कर दिया कि उनके रहते तीन करोड़ उपभोक्ताओं का हित हमेशा सुरक्षित रहेगा।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed