कोलकता की पौराणिक परंपरा अनुसार हुई माँ काली की मूर्ति स्थापित:काली पूजा

*सर्राफा मंडल देहरादून, उत्तराखंड* की इकाई

देहरादून

*सर्वजनिन श्री श्री श्यामा काली पूजा समिति रजि* के द्वारा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 18 वे श्यामा काली पूजा उत्सव का आयोजन बड़े ही धूम धाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में कल दिनाँक 31 अक्टूबर 2024 लक्षमी नारायण मंदिर मोती बाजार निकट हनुमान मंदिर में मूर्ति स्थापना के साथ प्रारंभ किया किया गया। मूर्ति स्थापना हेतु श्री लष्मी नारायण मंदिर के वरिष्ठ पूज्य पंडित जी, मुख्यअतिथि सर्राफा मंडल देहारादून के अध्यक्ष सुनील मेसोन एवं श्री श्री काली पूजा समिति के संग्रक्षक श्री जुगल मायती द्वारा की गई।

 

सर्राफा मंडल के उपाध्यक्ष एवं सर्वजनिन श्री श्री शायमा काली पूजा उत्सव समिति रजि के मीडिया प्रभारी डॉ देवेंद्र ढल्ला द्वारा विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए बताया गया की दिनाँक 31 अक्टूबर 2024 को मूर्ति स्थापना रात्रि 10 बजे हुई उसके उपरांत पूजा,आरती,हवन,बलिदान एवं पुष्पांजलि का कार्यक्रम बड़े ही भक्ति भाव के साथ देखने को मिला। साथ ही विशेष पूजा रात्रि 10:30 बजे से लगातार सम्पूर्ण रात्रि से प्रातः 6 बजे तक हुई। श्री श्री श्यामा काली पूजा उत्सव समिति द्वारा काली पूजा कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमो द्वारा कोलकाता की पौराणिक झलकियां देवभूमि उत्तराखंड में दिखने को मिली।

 

विधित हो पूजा 4 दिवसीय कार्यक्रम अनुसार पूर्ण होगी। जिसमें आज दिनांक 1 नवंबर 2024 कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रातः 11:30 बजे भंडारे का आयोजन किया गया है एवं शाम 7 बजे बच्चो की नृत्य प्रतियोगिता, पोएट्री प्रतियोगिता एवं सूंदर झाँकी का आयोजन बड़े ही उत्साह पूर्वक सम्पन्न हुआ। शाम 8:30 बजे आरती पूजा एवं विशेष कार्यक्रम हुआ। कोलकाता के पौराणिक सांस्कृतिक भगवामय पूजा अर्चना के माहोल में पूजा आरती की गई एवं महाकाली का आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम शनिवार ओर रविवार दोनों दिन बड़े ही भक्ति भाव से मनाया जायेगा साथ ही माता रानी कि असीम कृपा से मूर्ति विसर्जन दिनांक 3 नवंबर को होना सुनिश्चित है।

 

उक्त कार्यक्रम में सर्राफा मण्डल देहरादून, उत्तराखंड स्वर्णकार संघ, ज्व्लेर्स असोशिएशन ऑफ उत्तरांचल के पदाधिकारीगण एवं सैकड़ो सर्राफा कारोबारियों ने माँ काली की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया| श्री श्री श्यामा काली पूजा समिति से संग्रक्षक जुगल मायती, अध्यक्ष तपन मन्ना, महासचिव सनथ सामंता, कोषाध्यक्ष राम कृष्ण जाना, सचिव गौतम सासमल, नीलू दोलाई, प्रसन्नजीत अदक, सूजन घोष, उत्तम सासमल, संतु मायती, अरुण, कमल, गोपाल, बासुदेव,संतोष माने इत्यादि मौजूद रहे।

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