कॉरपोरेट्स का पक्ष लेने के लिए महिला किसान यूनियन द्वारा भगवंत मान की कड़ी निंदा

कॉरपोरेट्स का पक्ष लेने के लिए महिला किसान यूनियन द्वारा भगवंत मान की कड़ी निंदा

 

 

 

आप की सहयोगी कांग्रेस पंजाब में अनाज मंडियों को बंद करने के संबंध में अपना रुख स्पष्ट करे : बीबा राजू

 

 

 

साइलेज से मंडी शुल्क न मिलने से सरकार को होगा घाटा

 

 

 

आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ एस.के.एम. 8 अप्रैल को मोहाली में करेगा जोरदार विरोध प्रदर्शन

 

 

 

चंडीगढ़………कॉरपोरेट्स के लिए खरीद केंद्र खोलने की कीमत पर राज्य में चल रही अनाज मंडियों को बंद करने पर महिला किसान यूनियन ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को आड़े हाथों लिया है और इस ज्वलंत मुद्दे पर पंजाब कांग्रेस को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है क्योंकि वह आम चुनाव के दौरान आप के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन में भागीदार हैं।

 

महिला किसान यूनियन (एमकेयू) की अध्यक्ष बीबा राजविंदर कौर राजू ने एक बयान में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जानबूझकर कृषि उपज बाजार समिति (एपीएमसी) अधिनियम को कमजोर किया है और राज्य की मंडियों में खरीद प्रणाली को बड़े पैमाने पर बाधित करके, कॉर्पोरेट कंपनियों द्वारा बनाए गए साइलो कॉम्प्लेक्स को अनाज मंडियों का दर्जा दे दिया है, जिससे उन्हें गेहूं और धान खरीदने, बेचने, भंडारण और प्रसंस्करण करने की अनुमति है। इस तरह साइलोज़ से मंडी शुल्क न वसूले जाने से सरकार को भारी घाटा होगा और मंडी बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन देना भी मुश्किल हो जाएगा।

 

उन्होंने जोर देकर कहा कि निजी अनाज मंडियों का मुद्दा तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एजेंडे का हिस्सा था जिन्हें दो साल पहले खारिज कर दिया था और इसके खिलाफ एस.के.एम. ने दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान आंदोलन चलाया था लेकिन आप सरकार उन कानूनों को कुटिल तरीके से लागू करने में अनिच्छुक है।

 

महिला किसान नेता बीबा राजू ने कांग्रेस पार्टी से राज्य में अनाज मंडियों के विघटन पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग करते हुए कहा कि किसानों, व्यापारियों, मार्केट कमेटी कर्मचारियों, आढ़ती, ट्रक मालिकों, पल्लेदारों और श्रमिकों की कीमत पर कॉर्पोरेट संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए मान सरकार के इस जनविरोधी कदम के खिलाफ एस.के.एम. पंजाब 8 अप्रैल को मोहाली में विशाल विरोध प्रदर्शन करेगा।

 

महिला यूनियन की अध्यक्ष बीबा राजू ने आरोप लगाया कि भगवंत मान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दबाव में कॉरपोरेट्स को लाभ पहुंचाने और तीन कृषि कानूनों के कार्यान्वयन को रोकने के लिए 714 किसानों के बलिदानों को नकारकर अनाज की खरीद- बिक्री के निजीकरण के लिए कम कर रहे हैं जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेंगे।

 

उन्होंने व्यापारियों, मार्केट कमेटी कर्मचारियों, आढ़ती, ट्रक मालिकों, पल्लेदारों व मजदूरों से एकजुट होकर इस फैसले का विरोध करने का आह्वान किया और कहा कि अगर उन्हें अनाज मंडियों में रहना है तो आठ अप्रैल को एस.के.एम. के विरोध प्रदर्शन में शामिल हों।

 

गौरतलब है कि पंजाब सरकार ने एपीएमसी कानून में संशोधन कर 9 जिलों में 11 साइलो के पास स्थित 26 दाना मंडियों को बंद कर उन्हें पड़ोसी दाना मंडियों में समाहित कर दिया है और उनकी समितियों को भी भंग कर दिया है। इस तरह कॉरपोरेट कंपनियों द्वारा बनाए गए साइलो को खाद्यान्नों की खरीद, बिक्री, भंडारण और प्रसंस्करण के लिए खरीद केंद्र यानी मंडियों का दर्जा दे दिया गया है।

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