विश्व पर्यावरण दिवस पर “हरियाली खुशहाली” संस्था द्वारा किया गया वृक्षा रोपण कार्यक्रम
पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण: मनोरथ निराला जी
मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है
गाजियाबाद रिपोर्टर S B T NEWS
गाजियाबाद l शालीमार गार्डन में आज विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में ”हरियाली खुशहाली” संस्था ने श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर शालीमार गार्डन में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया इस परिसर में नीम, बरगद, जामुन, फाइकस के पौधे लगाए गए l
संस्था के महासचिव मनोरथ निराला जी ने कहा कि पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या जो हमारे चारों ओर से घिरे हुए हैं l पर्यावरण जलवायु, स्वच्छता, प्रदूषण तथा वृक्ष का सभी को मिलाकर बनता है और ये सभी चीजें यानी पर्यावरण हमारे दैनिक जीवन से सीधा संबंध रखता है और उसे प्रभावित करता है l
मानव और पर्यावरण एक दूसरे पर निर्भर होते हैं पर्यावरण जैसे जलवायु प्रदूषण या वृक्षों का कम होना मानव शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है मानव की बुरी आदतें जैसे पानी का दूषित करना बर्बाद करना वृक्षों को अधिक मात्रा में कटाई करना आदि पर्यावरण को बुरी आदत प्रवाहित करती हैं जिसका नतीजा बाद में मानव को प्राकृतिक आपदाओं का सामना करके भुगतना पड़ता है l
इस अवसर पर संस्था के सदस्य श्रीमती सुमन सती श्रीमती मधु निराला श्रीमती रेखा देवी श्री उमा दत्त देवली, श्री हरि बिष्ट, देवेंद्र कंडवाल, अभिषेक निराला, व इंद्रेश कुमार (गोल्डी) ने खुद श्रमदान कर वृक्षारोपण किया तथा यह भी शपथ ली गई की इन पौधों की देखभाल भी मिलकर करेंगे भविष्य में भी इसी तरह वृक्षारोपण करते रहेंगे l