कोरोना काल में टेलीमेडिसिन सेवा बनी जरूरतमंदों की मददगार
टेलीमेडिसन सेवा जिले के डेढ़ हजार से अधिक लोगों के लिए मददगार साबित हुई
केदारनाथ विधायक मनोज रावत की पहल पर 16 मई से जिले में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई थी।
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रूद्रप्रयाग। कोरोनाकाल में टेलीमेडिसन सेवा जिले के डेढ़ हजार से अधिक लोगों के लिए मददगार साबित हुई है। वहीं, गड्गू गांव की नाबालिग को सेवा के माध्यम से नया जीवन भी मिला। सेवा से जुड़े हेल्पेज इंडिया व दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने लोगों से संवाद करते हुए जहां उन्हें कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी, वहीं छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज का परामर्श भी दिया।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत की पहल पर 16 मई से जिले में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई थी। इस दौरान जिले को 11 सेक्टरों में बांटा गया। प्रत्येक सेक्टर में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से जरूरतमंद मरीजों से संपर्क किया जा रहा है। इन लोगों को तय समय पर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मरीजों व तीमारदारों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया गया, जहां हेल्पेज इंडिया के चिकित्सकों द्वारा अपराह्न तीन से शाम पांच बजे तक मरीजों से बातचीत की जा रही है।
साथ ही राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून के डॉक्टर व छात्र-छात्राएं सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। कुछ दिन पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से गड्गू गांव की 11 वर्षीय बच्ची की बीमारी का पता चला था। तब, बच्ची के परिजनों को टेलीमेडिसिन सेवा से डॉक्टरों से बातचीत कराई गई थी। चिकित्सकों से मिले परामर्श के बाद बालिका को देहरादून ले जाया गया, जहां दो सप्ताह अस्पताल में रहने के बाद बालिका स्वस्थ होकर घर लौटीं। इस दौरान विधायक मनोज रावत ने स्वयं ही बालिका को उसके घर छोड़ा।