भाूल के हमले में घायल को मुआवजा देने की मांग

 

दो माह बंद सड़क खोलने की मांग को लेकर एनएसयूआइ ने दिया धरना

भालू के हमले में गोकुल  की एक आंख खराब हो गई,  गरीब गोकूल ने कर्जा लेकर हल्द्वानी में अपना उपचार करवाया , वन विभाग द्वारा कोई भी मदद नही की गयी।

एसबीटी न्यूज़ उत्तराखंड

पिथौरागढ़। नौ माह पूर्व भालू के हमले में घायल व्यक्ति को मुआवजा दिए जाने, दो माह से बंद जौलढुंगा सड़क खोलने की मांग को लेकर एनएसयूआइ के सदस्यों ने तहसील मुख्यालय में सांकेतिक धरना दिया। एक सप्ताह के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन धरने की धमकी दी गई।

एनएसयूआइ के जिला उपाध्यक्ष विक्रम दानू के नेतृत्व में धरना देते हुए प्रदर्शनकारियों ने कहा कि नौ माह पूर्व भेड़ पालक गोकुल सिंह पर भालू ने हमला किया था। भालू के हमले में गोकुल सिंह की एक आंख खराब हो गई । वह बुरी तरह घायल हो गया था। गरीब गोकूल सिंह ने कर्जा लेकर हल्द्वानी में अपना उपचार किया । नौ माह बीतने के बाद भी उसे मुआवजा नहीं दिया गया है। वन विभाग से एक दर्जन से अधिक बार मांग की जा चुकी है और विभाग केवल आश्वासन दे रहा है।

इस मौके पर विगत दो माह से बंद मदकोट-जौलढुंगा मार्ग नहंी खुलने पर रोष जताया गया। मार्ग दलदल में तब्दील हो चुका है। गोरी पार क्षेत्र की सात ग्राम पंचायतों की जनता परेशान है। सामान लेने के लिए मदकोट तक पहुंचना मुश्किल हो चुका है। बार-बार ज्ञापन देने के बाद भी विभाग सड़क की सुध नहीं ले रहा है। दोनों समस्याओं का एक सप्ताह के भीतर समाधान नहीं होने पर ग्रामीणों को साथ लेकर तहसील कार्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी दी गई।

इस मौके पर जिलाधिकारी और वनाधिकारी के नाम के ज्ञापन सौंपे गए।धरने पर बैठने वालों में पूर्व छात्र नेता योगेश दानू, विस क्षेत्र के अध्यक्ष सुरेंद्र पाना, छात्र नेता दीपक मेहता, पूर्व युंका अघ्यक्ष लक्ष्मण विश्वकर्मा, पूर्व छात्र नेता राजेंद्र प्रसाद, महेश पंचपाल,हरीश प्रसाद, पूर्व जिपं सदस्य कमलेश आर्या, मंगल बसेड़ा, गणेश पाना, राजेंद्र कोश्यारी आदि थे।

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