सूर्य देवभूमि चैलेंज बड़े उत्साह के बीच सोनप्रयाग में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ

‘हर काम देश के नाम’
सूर्य देवभूमि चैलेंज बड़े उत्साह के बीच सोनप्रयाग में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ
रूद्रप्रयाग
भारत – बहुप्रतीक्षित सूर्या देवभूमि चैलेंज का सफलतापूर्वक समापन 20 अप्रैल 2025 को सोनप्रयाग में बड़े हर्षोल्लास के साथ हुआ l यह दौड़ मानव धीरज, सहनशक्ति और उत्तराखंड के लुभावने लेकिन चुनौतीपूर्ण परिदृश्यों का एक शक्तिशाली प्रमाण है। राज्य के कुछ सबसे कठिन और दुर्गम इलाकों में आयोजित इस असाधारण साहसिक कार्य ने देश भर के प्रतिभागियों को अपनी शारीरिक दृढ़ता और मानसिक शक्ति का परीक्षण करने के लिए एक साथ मौक़ा दिया l
खड़ी ढलानों और घने जंगलों वाले इलाक़ों से गुजरते हुए, यह चुनौती न केवल समय के खिलाफ दौड़ थी, बल्कि देवभूमि की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि का उत्सव भी थी। इस कार्यक्रम ने साहसिक खेलों और इको-टूरिज्म के लिए एक गंतव्य के रूप में उत्तराखंड की अद्वितीय क्षमता को प्रदर्शित किया।
भारतीय सेना द्वारा स्थानीय अधिकारियों और पर्यटन निकायों के समर्थन से आयोजित, सूर्या देवभूमि चैलेंज 18-20 अप्रैल 2025 तक तीन दिनों तक चला। प्रतिभागियों ने माउंटेन बाइकिंग,ट्रेल रनिंग और ट्रैक रनिंग के द्वारा अपने अदम्य साहस सहनशक्ति को दर्शाया l
“यह चुनौती में विभिन्न आयु वर्ग में कुल 134 पुरुषों एवं 07 महिलाओं ने भाग लिया l
प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार रहे :-
पुरुष वर्ग
35 से कम
पहला स्थान – कमलेश रावत
दूसरा स्थान – नरेंद्र सिंह
तीसरा स्थान – ऋषभ मिंगवाल
चौथा स्थान – रोहित सिंह
पांचवां स्थान – नवनीत सिंह
35 से 45
पहला स्थान – सतपाल
दूसरा स्थान – कृष्णवेन्द्र सिंह
तीसरा स्थान – अरविन्द सिंह
45 के ऊपर
पहला स्थान – कलम सिंह बिष्ट
दूसरा स्थान – राजेंद्र प्रसाद जोशी
तीसरा स्थान – शिवानंद
इस परियोगिता में महिला प्रतिभागियों का प्रदर्शन इस प्रकार रहा :-
35 से कम
पहला स्थान – प्रीति
अंजलि भंडारी और कीर्ति यादव, इन दोनों ने भी इसे पूरा किया।
45 के ऊपर
पहला स्थान – वंदना सिंह
सोनप्रयाग में आयोजित समापन समारोह एक जीवंत आयोजन रहा l विजेताओं को मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल अनिन्द्य सेनगुप्ता द्वारा पुरस्कृत किया गया और सभी प्रतिभागियों को उनके दृढ़ विश्वास के लिए सराहा गया l
सूर्या देवभूमि चैलेंज 2025 ने भारत में साहसिक खेल आयोजनों में एक नया मानदंड स्थापित किया है और रोमांच चाहने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक प्रमुख गंतव्य के रूप में उत्तराखंड की स्थिति की पुष्टि की है।