पशुचिकित्सा अधिकारी, देहरादून की उपस्थिति में पशु कुरता निवारण समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गयी।

देहरादून

सभागार, कलक्ट्रेट देहरादून में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में माननीय अध्यक्ष पं० राजेन्द्र अण्ण्वाल, उत्तराखण्ड गो सेवा आयोग, के मुख्य आतिथ्य में एवं मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी, देहरादून की उपस्थिति में पशु कुरता निवारण समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित की गयी। जिसमें शीतकाल में निराश्रित/धुमन्तु पशुओं को शीत से बचाने के उपायों पर चर्चा किये जाने के साथ ही निराश्रित / बेसहारा गोवंशों हेतु नये शरणालयों की स्थापना किये जाने के सम्बन्ध में नगर निगम, नगर पालिकाओं एवं जिला पंचायत को प्रस्ताव तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।

मा0 अध्यक्ष द्वारा नगर निकायों को अवगत कराया गया कि सड़‌कों पर विचरण कर रहे गौवंश के आये दिन गहनों की चपेट में आने से बहुत से गोवंश गम्भीर रूप से घायल हो जाते है तथा कुछ गोवंशी की दुर्घटनाओं में मृत्यु तक हो जाती है। इन गोवश को रात्री के समय सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हेतु उनके गले में रेडियम बैल्ट का उपयोग करके उनकी रक्षा की जा सकती है। प्राय गोसदनों में पंचगव्य उत्पादों का निर्माण नहीं किया जा रहा है। अतः मान्यता प्राप्त गोसदनों को पंचगव्य उत्पादों के निर्माण हेतु प्रोत्साहित किया जाय जिससे कि गोसदनों के संचालन हेतु आर्थिक सहायता के रूप में लाभार्जन हो सकें। समस्त नगर निगम/नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत/जिला पंचायत को निर्देशित किया गया कि वे अपन अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी गोवंश का पंजीकरण / ईयर टैगिंग क्षेत्र के राजकीय पशु चिकित्सालय पर कार्यरत पशुचिकित्साधिकारी के माध्यम से आवश्यक रूप से करें। गोवंश के परिवहन नियमों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कर ओवरलोडिंग को रोका जाय। पुलिस प्रशासन एवं सम्बन्धित नगर निकायों द्वारा संयुक्त अभियान चलाकर सड़को पर विचरण कर रहें गोवंश पर लगे टैग से गोवंश के स्वामी की पहचान (पशुपालन विभाग के सहयोग से) सुनिश्चित कर रू0 2000.00 का अर्थदण्ड वसूलने तथा उस गोवंश को उसके स्वामी को सौंपने की कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।

 

इसके अतिरिक्त नगर निकायों के अन्तर्गत संचालित सभी पेट शॉप एवं डॉग ब्रीडिंग सेन्टरों का पंजीकरण आवश्यक रूप से किये जाने तथा अवैध रूप से चल रहे पेट शॉप / सेन्टरों की जाँच कर कार्यवाही करने हेतु नगर निगम एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया एवं पंतगो में प्रयोग किये जाने वाले बायनीज मांडो के प्रयोग को रोकने के लिए पुलिस विभाग को दुकानों में छापे मारने की कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये। जनपद में संचालित समस्त गोसदनों में शरणागत गोवंश को उनके निर्धारित न्यूनतम क्वर्ड एरिया (प्रति गोवंश 40 वर्गफुट) के अनुसार ही आश्रय प्रदान किया जाना चाहिए। अधिकांश गोसदनों में निर्धारित क्षमता से अधिक पशु होने की स्थिति में अतिरिक्त नर गोवंश को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा चलायी जा रही ग्राम्य गोसेवक योजना अन्तर्गत ग्राम्य गोसेवको को स्थानान्तरित किया जा सकता है, जिससे गोसदन में निर्धारित क्षमता से अधिक गोवंश को कम किया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी महोदय, द्वारा अवगत कराया गया कि इस कार्य में खण्ड विकास अधिकारी को भी ग्राम्य गोसेवक योजना के संचालन में सम्मलित कर ग्रामों में बेरोजगार एवं इच्छुक व्यक्ति का चयन कर रोजगार प्रदान कर लाभान्वित किया जा सकता है।

 

बैठक में प्रतिभाग करने वाले अधिकारियों में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून के प्रतिनिधि के रूप में रीना राठौर, सर्किल ऑफिसर, डा० पूजा पाण्डेय, डा० सुनिल कुमार गुप्ता, डा० मजीत सिंह, काजल चौहान, पशुपालन विभाग, मनीष सिंह, रमेश सिंह, खाद्य एवं सुरक्षा विभाग, गणेश भट्ट, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, डा० रविन्द्र बड़ोनी, रमेश सिंह रावत, सचिन सिंह रावत, श्री उत्तम सिंह नेगी. आभाष सिंह, बी०पी० भट्ट, नगर निगम/नगर निकाय जनपद देहरादून, नरेन्द्र कुमार कनटेनमेन्ट बोर्ड गढ़ी केन्ट, अनिल सिंह रावत, वन विभाग, पूजा बहुखण्डी गैर सरकारी उपाध्यक्ष, एस०पी०सी०ए०, रूबीना नितिन अय्यर, कुनाल ग्रोवर, अमित कुमार गैर सरकारी सदस्य एस०पी०सी०ए०, सविता देवी, श्री प्रवीन शर्मा, जयवीर सिंह चौहान, अश्वनी पाण्डेय, विशान्त चौहान, आशु अरोड़ा, रिमझिम कामबोज, मुकुल कुमार गोशाला संचालको द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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