मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को नव वर्ष 2023 की बधाई , गुरूद्वारा सिंह शहीदां, सोहाना में माथा टेक कर राज्य की शांति, सदभावना, तरक्की और लोगों की खुशहाली के लिए की अरदास
पंजाब
मुख्यमंत्री द्वारा लोगों को नव वर्ष 2023 की बधाई
गुरूद्वारा सिंह शहीदां, सोहाना में माथा टेक कर राज्य की शांति, सदभावना, तरक्की और लोगों की खुशहाली के लिए की अरदास
चंडीगढ़……..पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने नव वर्ष के पहले दिन गुरूद्वारा सिंह शहीदां, सोहाना में माथा टेका और राज्य की शांति, सदभावना, तरक्की और यहाँ के लोगों की खुशहाली के लिए अरदास की।
लोगों को नव वर्ष की बधाई देते हुये मुख्यमंत्री ने अरदास की कि राज्य और दुनिया भर में बसते पंजाबियों के लिए नव वर्ष-2023 ख़ुशियां, अमन और खुशहाली लेकर आए। उन्होंने राज्य के लोगों को नव वर्ष की बधाई दी और राज्य के सर्वपक्षीय विकास एवं खुशहाली को यकीनी बनाने के लिए जोश के साथ काम करने का न्योता दिया। नव वर्ष सभी पंजाबियों के लिए ख़ुशियां, अमन और सफलता के नये मौके लेकर आने की आशा करते हुये भगवंत मान ने पंजाब को देश के अग्रणी राज्य के तौर पर उभारने के लिए संकल्प लेने का भी न्योता दिया।
मुख्यमंत्री ने महान आज़ादी संग्रामियों के सपनों को साकार करने के लिए पंजाब सरकार की दृढ़ वचनबद्धता दोहराई जिससे विकास का प्रभाव ज़मीनी स्तर पर दिखाई दे और ख़ास कर गरीब वर्ग के जीवन को आसान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य भाईचारक सांझ, शांति और सदभावना के बंधनों को मज़बूत करने के साथ-साथ सर्वपक्षीय तरक्की और विकास के युग की शुरुआत करने की द्वार पर है, जिसके लिए सभी पंजाबियों को आने वाले साल में पूरे जोश के साथ काम करना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम राज्य की सर्वपक्षीय तरक्की और विकास के युग को निरंतर जारी रखने के लिए और ज़ोरदार प्रयास करें।
मुख्यमंत्री ने लोगों को धर्म निरपेक्षता, प्रभुसत्ता, सांप्रदायिक सदभावना और राष्ट्रीय एकता के मूल्यों को कायम रखने के लिए सामुहिक जोश के साथ काम करने की वचनबद्धता के साथ वर्ष 2023 का स्वागत करने का न्योता दिया। भगवंत मान ने नव वर्ष सभी के लिए खुशहाली और ख़ुशियां लेकर आने की कामना करते हुये कहा कि आने वाला वर्ष पंजाब के सर्वपक्षीय विकास और तरक्की के नये युग की शुरुआत करेगा। उन्होंने लोगों को राष्ट्रीय एकता, शांति, प्यार और धार्मिक सहनशीलता के बंधनों को और मज़बूत करने के लिए महान गुरूओं, संतों और पीरों के दिखाऐ मार्ग पर चलने का न्योता दिया।