भगवंत मान द्वारा पटियाला में हुई झड़पों की घटना की तत्काल जांच के आदेश
पंजाब
राज्य में कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने की प्रतिबद्धता दोहराई
किसी को भी पंजाब में कड़ी मेहनत कर हासिल की गई शांति को भंग करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी
चंडीगढ़…….पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज पटियाला में हुई झड़पों की घटना की तुरंत जांच करने के आदेश दिए हैं और पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को हिदायत की है कि इस दूर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जि़म्मेदार किसी भी दोषी को हरगिज़ बख़्शा नहीं जाना चाहिए।
पटियाला में हिंसक झड़पों के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायज़ा लेने के लिए आज शाम यहाँ मुख्यमंत्री निवास में राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने डी.जी.पी. को मौजूदा स्थिति पर करीबी नजऱ रखने और उनको निरंतर अवगत करवाते रहने के निर्देश दिए।
भगवंत मान ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ‘आप’ सरकार राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को बरकरार रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और किसी की व्यक्ति को किसी भी कीमत पर अमन-शांति भंग करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी। हालाँकि, उन्होंने कहा कि पुलिस फोर्स द्वारा लगातार चौकसी बरतने के कारण पंजाब अभी भी देश भर के सबसे शांतमयी राज्यों में से एक है।
भगवंत मान ने स्पष्ट रूप से कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का मुख्य सरोकार है और किसी भी व्यक्ति को चाहे वह कितना भी प्रभाव और रसूख क्यों ना रखता हो, कानून को अपने हाथों में लेने की इजाज़त नहीं दी जाएगी और कानून के अनुसार सख़्ती से पेश आया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब सीमावर्ती राज्य होने के नाते अत्यधिक संवेदनशील है, क्योंकि विरोधी ताकतें इसको निशाना बनाने की ताक में रहती हैं, जो अपने निहित स्वार्थों के लिए राज्य की शांति को भंग करना चाहते हैं, परन्तु राज्य सरकार की सख़्त निगरानी के कारण ऐसी ताकतों के नापाक मंसूबों को बार-बार कुचल दिया गया।
भगवंत मान ने कहा कि पंजाब सरकार ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भावना, अमन-शांति और आपसी भाईचारे को कायम रखने के लिए अथक प्रयास किए है। उन्होंने भरोसा ज़ाहिर करते हुए कहा कि राज्य के सामाजिक ताने-बाने को बिगाडऩे की इजाज़त नहीं दी जाएगी और ऐसी देश विरोधी ताकतों पर नकेल कसकर देश की अखंडता और संप्रभुता को कायम रखा जाएगा।
बैठक में मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद और डी.जी.पी. वी.के. भावरा शामिल थे।