पंजाब
इस कदम का उद्देश्य कृषि विविधता को बड़े स्तर पर प्रोत्साहित करना
चंडीगढ़…….पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज देश की प्रमुख कृषि यूनिवर्सिटी पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी (पी.ए.यू) को सैंटर ऑफ एक्सीलेंस (सी.ओ.ई.) प्रोजैक्ट डिवैल्पमैंट एंड इंटीग्रेशन ऑफ एडवांस्ड जीनोमिक टैक्रोलॉजीज़ फॉर टारगेटिड ब्रीडिंग देने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद किया।
भारत सरकार के बायोटैक्नॉलॉजी विभाग (डी.बी.टी) द्वारा पीएयू के लिए मंजूर किए गए सी.ओ.ई. प्रोजैक्ट को फ़सलीय विविधता के लिए अहम बताते हुए भगवंत मान ने कहा कि यह अत्याधुनिक अनुसंधान संस्था क्रॉप ब्रीडिंग प्रोग्रामों में एडवांस्ड जीनोमिक टैक्रोलॉजीज़ के विकास और एकीकरण को सुनिश्चित बनाने में भी सहायक सिद्ध होगी, जिससे फ़सलीय विविधता को प्रोत्साहित करने लक्षित फसलों की उत्पादकता बढ़ाने और राज्य भर में किसानों का लाभ बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गौरतलब है कि डीबीटी को बुनियादी ढांचे की मज़बूती, कृषि जैव प्रौद्योगिकी में अत्याधुनिक खोज के लिए अनुसंधान गतिविधियों, मानव संसाधन, यात्रा, सामथ्र्य निर्माण के लिए उन्नत प्रशिक्षण और वर्कशॉप लगाने के लिए पाँच सालों की समय-सीमा के लिए 27.91 करोड़ रुपए की अनुदान प्रदान किया गया है।
भगवंत मान ने आगे कहा कि यह अनुसंधान प्रोजैक्ट बढिय़ा उपज क्षमता वाली फसलों की किस्मों के विकास, पैदा हो रही बीमारियाँ के प्रति सहनशीलता, खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्राप्त करने के लिए पौष्टिक गुणवत्ता में सुधार के लिए भी अहम साबित होगा।
गौरतलब है कि गेहूँ और चावलों ने फ़सल प्रणाली में एक बड़ी बदलाव लाया है और नतीजे के तौर पर अन्य फसलों के अधीन क्षेत्रफल ख़ास तौर पर पंजाब में बहुत कम हो गया है। इस फ़सलीय चक्र के नतीजे के तौर पर पानी का दुरुपयोग और खादों का प्रयोग बढऩे के साथ-साथ मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट आई है। दालों, तेल के बीजों, सब्जियों और फलों की फ़सलों पर अनुसंधान गतिविधियों को मज़बूत करने और किसानों को आर्थिक तौर पर व्यावहारिक विकल्प प्रदान करने के लिए अपनी प्राथमिकताओं पर फिर से विचार करने की सख़्त ज़रूरत है।
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव और वाइस चांसलर, पीएयू डी.के. तिवारी ने इस बड़ी उपलब्धि के लिए सीओई की टीम को बधाई दी है। उन्होंने आगे कहा कि पीएयू के वैज्ञानिकों के समक्ष बड़ी चुनौतियाँ हैं, फिर भी उनकी लगन और प्रतिबद्धता सफल निष्कर्ष लाएगी, जिससे पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी को एक नई दिशा मिलेगी