हम वहां कामयाब हुए, जहाँ कांग्रेस नाकाम साबित हुई- मुख्यमंत्री
पंजाब
मुख्यमंत्री ने बहबल कलां गोली कांड में दायर पटीशनों को हाई कोर्ट द्वारा ख़ारिज करने के फ़ैसले की सराहना की
फ़ैसले से बेअदबी के दोषियों के खि़लाफ़ कार्यवाही करने लिए ‘आप’ के दृढ़ संकल्प की पुष्टि हुई
‘आप’ ने राज्य में अकाली-कांग्रेस का गठजोड़ तोड़ दिया
चंडीगढ़………पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बहबल कलाँ गोलीकांड में दर्ज एफ. आई. आर और हुई जांच को रद्द करने संबंधी दायर अलग-अलग पटीशनों को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से ख़ारिज कर देने के फ़ैसला का स्वागत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फ़ैसले ने बहबल कलां में बेकसूर लोगों पर गोली चलाने वाले पुलिस वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही करने की माँग करने के लिए सरकार के लिए रास्ता साफ कर दिया है। विरोधियों पर बरसते हुये भगवंत मान ने कहा कि इस मामले में दोषियों को बचाने के लिए अकाली और भाजपा की आपसी मिलीभुगत थी। उन्होंने कहा कि जब अकाली सरकार के दौरान पवित्र श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद बेकसूर प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने की घटनाएँ घटी थीं तो कांग्रेस ने कोटकपूरा में बेअदबी की घटनाओं की जांच की पैरवी ठोस ढंग से न करके इस जुर्म के दोषियों को बचाने का काम किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर हाई कोर्ट की तरफ से राजनैतिक नेताओं और सीनियर अधिकारियों के खि़लाफ़ केस में पेश किये चालान को रद्द कर दिया गया। भगवंत मान ने आगे कहा कि अकाली-कांग्रेसी गठजोड़ जो अब तक दोषियों को बचाने के ढाल बना हुआ था, ’आप’ सरकार के सत्ता में आने से टूट गया है। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला ‘आप’ सरकार की दोषियों को कानून के कटघरे में लाने की दृढ़ वचनबद्धता का नतीजा है क्योंकि राज्य सरकार ने बहबल कलाँ गोली कांड की जांच की ज़ोरदार ढंग से पैरवी की, जबकि कांग्रेस सरकार कोटकपूरा बेअदबी की घटनाओं की जांच की पैरवी करने में असफल रही।
गौरतलब है कि पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने आज एक अहम फ़ैसला सुनाते हुये बहबल कलां गोली कांड के दोषी पुलिस मुलाजिमों की तरफ से निचली अदालत में पेश किये गए चालान को रद्द करने के लिए दायर कई पटीशनों के समूह को ख़ारिज कर दिया है। एडवोकेट जनरल (एजी) की दलील को स्वीकार करते हुये अदालत ने कहा कि मज़बूत शक के आधार पर भी दोष आइद किये जा सकते हैं। अदालत ने पुलिस के इंस्पेक्टर जनरल नौनिहाल सिंह के नेतृत्व वाली विशेष जांच टीम को आगे जांच करने और धारा 173 सी. आर. पी. सी. के तहत अपनी रिपोर्ट निचली अदालत के आगे पेश करने के हुक्म दिए हैं।
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