शिलाई उपमंडल के नाया गांव में आयोजित हुआ विधिक सेवा महा शिविर


हिमाचल

योगेश जसवाल अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने की अध्यक्षता

 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण सिरमौर योगेश जसवाल की अध्यक्षता में शिलाई उपमंडल के नाया गांव में आज राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सौजन्य से विधिक सेवा महा शिविर का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर योगेश जसवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में इस प्रकार पहला विधिक सेवा महा शिविर आयोजित किया गया है।

उन्होंने कहा कि कानूनी सहायता सेवाएँ एक कल्याणकारी राज्य के आवश्यक कार्यों में से एक हैं, जिसका कारण यह है कि एक कल्याणकारी राज्य में लोगों को अपनी बाधाओं और सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि में अंतर के बावजूद न्याय समान रूप से मिल सके।

उन्होंने कहा कि यह हमारे संविधान का भी जनादेश है कि कानून के समक्ष समानता और कानून के समान संरक्षण की गारंटी देता है।

हमारे समाज में, जहाँ विभिन्न सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमियाँ हैं, ऐसा अक्सर होता है कि राज्य और उसकी एजेंसियों द्वारा सकारात्मक हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है ताकि न्याय तक समान पहुँच और कानून के समक्ष समानता सुनिश्चित की जा सके।

उन्होंने कहा कि न्याय प्रशासन के क्षेत्र में सकारात्मक हस्तक्षेप कानूनी सहायता सेवाओं और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के साथ-साथ राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली कानूनी सेवाओं के रूप में है।

योगेश जसवाल ने कहा कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, एक कानूनी सेवा शिविर (जिसे NALSA मॉड्यूल के रूप में भी जाना जाता है) राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा कमजोर और हाशिए पर पड़े समुदायों को कानूनी सहायता और जागरूकता प्रदान करने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम है। इन शिविरों का उद्देश्य कानूनी जरूरतों को पूरा करना, व्यक्तियों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करना और न्याय तक पहुँच को सुविधाजनक बनाना है ।

इन शिविरों का उद्देश्य कल्याणकारी योजनाओं और कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना और पात्र व्यक्तियों को इन योजनाओं से जोड़ना है। ऐसे शिविरों के लिए लक्षित दर्शक मुख्य रूप से समाज के कमजोर और हाशिए पर पड़े वर्गों, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शामिल हैं, पर केंद्रित हैं। यह वर्तमान शिविर आम जनता के लाभ के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य एक ही स्थान पर सभी आवश्यक सेवाएँ और कल्याणकारी योजनाओं का ज्ञान प्रदान करना है।

उन्होंने कहा कि जब तक नागरिकों को उनके संवैधानिक और कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी नहीं होगी, वे उन्हें लागू करने के लिए आगे नहीं आएंगे।

उन्होंने जनसमूह से आह्वान किया कि सरकारी विभागों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का पूरा लाभ उठाएँ। लाभार्थियों को आवेदन पत्र भरने होंगे और यह सुनिश्चित करने के लिए उचित अनुवर्ती कार्रवाई की जाएगी कि विभिन्न विभागों के पहचाने गए लाभार्थियों को वादे के अनुसार लाभ दिए जाएँ।

कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत, जिला एवं सत्र न्यायाधीश सी० एल० कोचर व अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालय, (Rape/POCSO) सिरमौर सुभाष चंद्र भसीन ने लोगों को विधिक साक्षरता शिविर के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश, नाहन गौरव महाजन ने लोगों को मुक्त क़ानूनी सहायता के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वार्षिक आय के आधार पर, अनुसूचित जाति व जनजाति, विधवा तथा दिव्यांगजनों के लिए मुफ़्त क़ानूनी सहायता दी जाती है।

सचिव, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण व अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, सिरमौर नव कमल ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के शिविरों का उद्देश्य आम जनमानस को सरकार एवं राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुँचाना है। उन्होंने बताया कि इस शिविर से पूर्व लगभग 150 लोगों की समस्याओं के प्रार्थना पत्र जिला प्रशासन को शीघ्र समाधान के लिए प्रेषित किए गए हैं।

अध्यक्ष बार एसोसिशन शिलाई नीलम चौहान ने अन्य सदस्यों सहित मुख्यातिथि तथा अन्य न्यायाधीशों को टोपी व शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इसके अतिरिक्त नाया गाँव की महिलाओं ने भी सम्मानित किया।

इस शिविर के दौरान विभिन्न विभागों द्वारा जन कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनीयॉं लगायी गई, जिनका मुख्य अतिथि तथा अन्य न्यायाधीशों द्वारा अवलोकन किया गया । इसके अतिरिक्त विभागों के अधिकारियों द्वारा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी दी गई।

इस अवसर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश पावंटा साहिब कपिल शर्मा, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी पावंटा साहिब विकास गुप्ता, प्रथम श्रेणी न्यायिक दण्डाधिकारी शिलाई अंशुल मलिक व अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी एल.आर.वर्मा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा स्थानीय लोग मौजूद रहे।


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