भैया दूज भाई-बहन के अटूट और अनन्य प्रेम का प्रतीक पर्व है।
देहरादून
त्योहारों का देश माने जाने वाले भारत में भाई-बहन के प्रेम व पवित्र रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन और भैया दूज दो महत्वपूर्ण त्योहार है। दोनों ही त्योहारों में भाई और बहन एक-दूसरे के प्रति परंपरागत तरीके से स्नेह प्रकट करते हैं। भैया दूज भाई-बहन के अटूट और अनन्य प्रेम का प्रतीक पर्व है।
भैया दूज भाई-बहन के अटूट और अनन्य प्रेम का प्रतीक पर्व है। पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का आरंभ 14 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर होगा और 15 नवंबर को रात 1 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 15 नवंबर को भाई दूज मनाया जाएगा।
कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया तिथि 14 नवंबर 2023 को दोपहर 02:36 बजे से शुरू हो रही है और इसका समापन 15 नवंबर 2023 को दोपहर 01:47 बजे होगा. उदया तिथि के हिसाब से भाई-बहन का त्योहार भाई-दूज 15 नवंबर बुधवार को मनाया जाएगा. भाई दूज पर वैसे तो राहुकाल को छोड़कर बहनें कभी भी भाई को तिलक कर सकती हैं. लेकिन अगर अतिशुभ समय की बात करें तो ये सुबह 06:44 से 09:24 बजे तक है. इस दिन राहुकाल दोपहर 12:03 से 01:24 बजे तक रहेगा.
भाई दूज के दिन की शुरुआत यमराज और यमुना जी ने की थी, इसलिए भाई और बहन दोनों को ही तिलक करने से पहले यमराजऔर यमुना जी की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद भाई का तिलक करना चाहिए. पूजा के दौरान बहन को भाई की सभी मुसीबतें दूर करने और उसे लंबी आयु प्रदान करने की प्रार्थना करनी चाहिए.