मुख्यमंत्री द्वारा भविष्य में प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फ़सल के लिए किसानों को पहले मुआवज़ा देने और बाद में गिरदावरी करवाने का ऐलान
मुख्यमंत्री द्वारा भविष्य में प्राकृतिक आपदा से खराब हुई फ़सल के लिए किसानों को पहले मुआवज़ा देने और बाद में गिरदावरी करवाने का ऐलान
सफेद और गुलाबी सूंडी से खराब हुई कपास की फ़सल के लिए घटिया बीज और कीटनाशक जि़म्मेदार, जांच करवा कर कार्यवाही की जाएगी: भगवंत मान
प्रभावित किसानों को मुआवज़े का वितरण
मानसा, 26 मार्च:
प्राकृतिक आपदा से बर्बाद होने वाली फसलों के कारण आर्थिक तौर से बुरी तरह प्रभावित होने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज ऐलान किया कि भविष्य में ऐसे किसी भी नुकसान के लिए किसानों को तुरंत मुआवज़ा देकर गिरदावरी की प्रक्रिया बाद में मुकम्मल की जाएगी।
आज यहाँ जिले में गुलाबी सूंडी के हमले के कारण खराब हुई कपास की फ़सल से प्रभावित किसानों को मुआवज़ा बाँटने के मौके पर करवाए गए कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि फसलों की बर्बादी के बाद किसानों को मुआवज़ा लेने के लिए भी जटिल प्रक्रिया से गुजऱना पड़ता है, क्योंकि उनको फ़सल की गिरदावरी होने के बाद मुआवज़ा मिलता है। दिल्ली की आप सरकार द्वारा पहले ही यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है जहाँ किसानों को प्राकृतिक आपदा के कारण खराब हुई फ़सल का मुआवज़ा देकर उसके बाद गिरदावरी की जाती है।
पिछले समय के दौरान मालवा पट्टी में सफ़ेद और गुलाबी सूंडी से बुरी तरह से खराब हुई कपास की फ़सल के लिए किसानों को मुहैया करवाए गए घटिया बीज और कीटनाशकों को जि़म्मेदार ठहराते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इन फसलों की बर्बादी की मुकम्मल जांच करवा कर जि़म्मेदारी तय करने और दोषियों के खि़लाफ़ उचित कार्यवाही करने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने आज जिले के 15 प्रभावित कपास की खेती करने वाले किसानों को मुआवज़े के चैक देने के मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि बीते समय में मालवे क्षेत्र में कपास की फ़सल को सफ़ेद और गुलाबी सूंडी के कारण हुए नुकसान के लिए प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि किसानों को घटिया बीज और कीटनाशक देने वाली सरकारें जि़म्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि यदि उस समय किसानों को मानक बीज और असली कीटनाशक उपलब्ध करवाए होते तो आज किसान परिवारों को इस तरह के मंदहाली के दौर से ना गुजऱना पड़ता। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘किसानों का शोषण घटिया बीज या दवाओं से ही नहीं किया जाता था बल्कि फ़सल का नुकसान हो जाने पर उनको मामूली मुआवज़ा देकर उनके साथ कोरा मज़ाक भी किया जाता था। यहाँ तक कि सबको अन्न मुहैया करवाने वाले अन्नदाता को समय की सरकारों ने भीखारी बनाकर रख दिया।’’
खेती को लाभदायक व्यवसाय बनाने का वादा करते हुए भगवंत मान ने कहा कि हमारी सरकार अलग- अलग यूनिवर्सिटियों के माहिरों से विचार-विमर्श कर रही है, जिससे नई तकनीक लाकर किसानों को अच्छे मुनाफे वाली फसलों को बीजने की ओर प्रेरित किया जा सके। उन्होंने कहा कि हम कृषि को घाटे का सौदा या मजबूरी का पेशा नहीं रहने देंगे, क्योंकि पंजाब कृषि प्रधान राज्य होने के कारण यहाँ के किसानों को आर्थिक पक्ष से मज़बूत करना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार राज्य की कृषि विश्वविद्यालय को बेहतर बीज और अन्य अनुसंधानों के लिए उचित फंड देगी और बजट में भी कृषि को प्राथमिकता दी जाएगी। राज्य के बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन जल के महत्व का जि़क्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक किलो चावल पैदा करने के लिए 3800 लीटर पानी बर्बाद होता है, जिस कारण हमें पानी की कम खपत वाली फसलों की ओर मुडऩा होगा, क्योंकि पंजाब की उपजाऊ भूमि में कोई भी फ़सल पैदा की जा सकती है।
विधायकों की पेंशन नए सिरे से तय करने के बारे में बीते दिन लिए गए निर्णय संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इस ऐतिहासिक कदम की गूँज देश भर में गई है और अधिक पेंशन लेने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का खज़़ाना लोगों के लिए होता है और अब लोगों के लिए ही खर्च किया जाएगा। दिल्ली के विधायकों द्वारा अधिक वेतन या पेंशन लेने संबंधी मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में एक विधायक को भत्तों समेत केवल 54,000 रुपए प्रतिमाह वेतन मिलता है, जबकि पूर्व विधायक होने पर केवल 7200 रुपए पेंशन मिलती है।
इस मौके पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर विजय सिंगला ने मुख्यमंत्री का मानसा पहुँचने पर स्वागत करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पहले दिन से ही 25 हज़ार बेरोजग़ार नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ देने, कच्चे कर्मचारी पक्के करने समेत लोक-हितैषी और ऐतिहासिक निर्णय लेने शुरू कर दिए हैं, जिससे पंजाब को तरक्की की बुलन्दियों तक पहुँचाया जा सके।
बताने योग्य है कि पिछले साल जिले में गुलाबी सूंडी के हमले के कारण मालवा पट्टी के मानसा, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब समेत कई जि़लों में कपास की फ़सल को भारी नुकसान हुआ था, परन्तु किसानों को समय पर मुआवज़ा प्राप्त नहीं हुआ था।
अकेले मानसा जिले में बीते वर्ष गुलाबी सूंडी के कारण 56,372 किसानों की 1.36 लाख एकड़ फ़सल का नुकसान हुआ था, जिनको 231 करोड़ रुपए मुआवज़ा बाँटा जा रहा है। इन किसानों को 17,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवज़ा बाँटा गया।
मुख्यमंत्री ने आज विभिन्न गाँवों के किसानों को मुआवज़े केचैक बाँटे, जिनमें अक्कांवाली के जसविन्दर सिंह, जोगिन्दर सिंह और गुरदेव सिंह, गाँव भम्मे के मेजर सिंह और जसविन्दर सिंह, गाँव राएपुर के स्वर्णजीत सिंह, बलविन्दर सिंह और चन्द सिंह, गाँव भुपाल के अमनदीप सिंह, दर्शन सिंह और जसविन्दर कौर और मानसा से गुरविन्दर सिंह और हरपाल सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री बनने के बाद पहली बार मानसा पहुँचने पर जि़ला पुलिस द्वारा उनको गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
इस मौके पर बुढलाडा से विधायक प्रिंसिपल बुद्ध राम, मौड़ से विधायक सुखवीर सिंह माईसरखाना, सरदूलगढ़ से विधायक गुरप्रीत सिंह बनांवाली के अलावा मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव श्री कमल किशोर यादव, उपायुक्त श्री मोहिन्दर पाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री दीपक पारेख उपस्थित थे।