मुख्यमंत्री द्वारा जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाली जल आपूर्ति योजनाओं के लिए प्रक्रिया में तेज़ी लाने के आदेश

पंजाब

जल आपूर्ति की रिमोट निगरानी और संचालन के लिए पायलट प्रोजैक्ट शुरू करने की मंजूरी

मुख्यमंत्री ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग की मीटिंग करके विकास कार्यों का जायज़ा लिया

चंडीगढ़………पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग को राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाली जल आपूर्ति योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए प्रक्रिया में तेज़ी लाने के आदेश दिए हैं।

विभाग के कामकाज की प्रगति का जायज़ा लेने के लिए यहाँ बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जल आपूर्ति योजनाओं के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग राज्य के लिए बहुत लाभप्रद होगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से एक ओर बिजली की बचत होगी और दूसरी ओर गाँवों में पानी की निरंतर आपूर्ति को सुनिश्चित बनाया जा सकेगा। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को अवगत करवाया गया कि इस पहल के द्वारा विभाग 1,508 गाँवों में सौर ऊर्जा से चलने वाली योजनाओं को लागू करने पर विचार कर रहा है, जिससे 60.50 करोड़ की लागत से 8708 किलोवॉट बिजली पैदा करके सतत एवं आत्मनिर्भरता का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।

एक और एजंडे पर विचार-विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री ने 1,731 गाँवों में डिजीटल व्यवस्था (डिजीटल अडैपटेशन) के लिए भी सहमति दी, जहाँ योजनाओं से सम्बन्धित अलग-अलग विधियों को इन्टरनेट से जोडऩे (इन्टरनेट ऑफ थिंग्ज़) और जल आपूर्ति की दूरवर्ती (रिमोट) निगरानी और संचालन किया जाएगा। उन्होंने 100 करोड़ रुपए की लागत से 93 गाँवों और 23 ब्लॉकों में 100 प्रतिशत रूप से इस पायलट प्रोजैक्ट को शुरू करने की मंजूरी दे दी। भगवंत मान ने विभाग को एम.ग्राम-सेवा के रूप में डिजिटल पहल जो 100 गाँवों में पायलट प्रोजैक्ट के तौर पर लॉन्च की गई थी, की शुरुआत करने के लिए कहा, जिससे राजस्व एकत्र करने और वित्तीय प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री को बताया गया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत 99.63 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास पानी की टोंटी के कनेक्शन हैं और 23 जिलों में से 20 जिलों ने 100 प्रतिशत रूप से इसको पूरा कर लिया है, जबकि सफ़ाई के पक्ष से भी राज्य ‘खुले में शौच से मुक्त’ है। उन्होंने कहा कि राज्य भारी धातुओं, आर्सेनिक, फ्लोराइड, आयरन, युरेनियम, टी.डी.एस. जैसे पानी की गुणवत्ता की समस्याओं का सामना कर रहा है, इसलिए पटियाला, अमृतसर, तरन तारन, गुरदासपुर, फिऱोज़पुर, फाजिल्का, होशियारपुर, श्री आनन्दपुर साहिब में 1,800 से अधिक गाँवों को कवर करते हुए 2,081 करोड़ रुपए की लागत वाले नहरी पानी की आपूर्ति के प्रोजैक्टों को जल्द मुकम्मल करके कार्यशील किया जाना चाहिए। भगवंत मान ने कहा कि लोगों को पीने योग्य पानी की आपूर्ति को सुनिश्चित बनाने के लिए आर्सेनिक और फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष निवारण कार्यों को भी प्रमुखता से प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कम्युनिटी सैनेटरी कॉम्पलैक्सों/प्लास्टिक अवशेष के लिए कम्पोस्ट पिट्स/गाँव के छप्पड़ों की मरम्मत और सोर पिट्स के निर्माण के लिए 145 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य चल रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को यह भी हिदायत की कि चल रहे प्रोजैक्टों को जल्द से जल्द मुकम्मल किया जाए, जिससे लोगों को इनका लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि सुरक्षित पानी की आपूर्ति का सीधा सम्बन्ध लोगों की सेहत और उनके आर्थिक विकास से जुड़ा हुआ है।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा, जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के प्रमुख सचिव डी.के. तिवाड़ी और अन्य भी उपस्थित थे।

———-

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed