बनना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि इस फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र ‘मैं नहीं, हम हैं’।
देहरादून
बनना होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि इस फाउंडेशन कोर्स का मूल मंत्र ‘मैं नहीं, हम हैं’।
विश्वास है कि प्रशिक्षु अधिकारी सामूहिक भावना के साथ देश को आगे ले जाने की जिम्मेदारी उठाएंगे। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अकादमी के आदर्श वाक्य ‘शीलम परम भूषणम’ का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘चरित्र सबसे बड़ा गुण है’। सलाह दी कि ‘गुमनामी’, ‘क्षमता’ और ‘आत्मसंयम’ एक सिविल सेवक के आभूषण होते हैं। ये गुण उन्हें पूरी सेवा अवधि के दौरान आत्मविश्वास देंगे।
राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में पूजा, नक्षत्र वाटिका का किया उद्घाटन
देवभूमि के प्रवास पर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु यहां की आध्यात्मिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक थाती से अभिभूत दिखीं। शुक्रवार को राजभवन में संस्कृति और पर्यावरण के संगम ‘नक्षत्र वाटिका’ का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘बहुत अच्छी है नक्षत्र वाटिका’।
राष्ट्रपति ने पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र से संबंधित आराध्य वृक्ष पलाश के पौधे का रोपण भी किया। इससे पहले राष्ट्रपति ने राजभवन परिसर में स्थित राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में विधिवत रूप से रुद्राभिषेक कर देश की सुख-समृद्धि की कामना की।