पुरातन गतका कला अंतरराष्ट्रीय खेल बनने के लिए तत्पर: स्पीकर संधवा
पंजाब
फरीदकोट
पुरातन गतका कला अंतरराष्ट्रीय खेल बनने के लिए तत्पर: स्पीकर संधवा
संधवा द्वारा पंजाब राज्य महिला गतका चैंपियनशिप की शुरुआत
जिला गत्तका एसोसिएशन को एक लाख रूपये की ग्रांट देने की घोषणा
कोटकपूरा
नेशनल गतका एसोसिएशन आफ इंडिया की अगुवाई में गतका एसोसिएशन आफ पंजाब के सहयोग से जिला गतका एसोसिएशन आफ फरीदकोट द्वारा बाबा फरीद कालेज आफ नर्सिंग कोटकपूरा में करवाई जा रही दसवीं दो दिवसीय पंजाब राज्य गतका (महिला) चैंपियनशिप की शुरुआत करवाते हुए कुलतार सिंह संधवा स्पीकर पंजाब विधान सभा ने कहा कि आज सिख विरासत की पुरातन गतका कला राष्ट्रीय खेल बनने के लिए तत्पर है जिसके लिए नेशनल गत्तका एसोसिएशन द्वारा उपक्रम जारी हैं। स्पीकर संधवा ने गुरु इतिहास, भारती सभ्याचार, सिख विरासत, रिवायती कला, सिख शस्त्र विद्या जैसी अनेकों उदाहरणें देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को स्व रक्षा के लिए इस विरासती खेल को अपनाना चाहिए।
उन्होंने गतका एसोसएशनों के राष्ट्रीय व प्रांतीय पदािधकारियों अध्यक्ष्ज्ञ हरजीत सिंह गरेवाल, पंकज धमीजा, हरबीर सिंह दुग्गल, सिमरनजीत सिंह चंडीगढ़, कमलपाल सिंह फिरोजपुर और तलविंदर सिंह की मौजूदगी में गुरदासपुर व बठिंडा की लड़कियों की टीमों के मुकाबले शुरु करवाए जिसमें बठिंडा की टीम ने जीत हासिल की। उन्होंने कहा कि यह टूर्नामेंट करवाने के लिए जिला अध्यक्ष डा. मनजीत सिंह ढिल्लों सहित पूरी जिला गतका एसोसिएशन की टीम बधाई की पात्र है। उन्होंने अपने कोटे से जिला एसोसिएशन को एक लाख रुपये की ग्रांट देने की भी घोषणा की। स्पीकर संधवा ने इस अवसर पर नेशनल गतका एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित गतका पत्रिका (ब्रोशर) का भी विमोचन किया।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष डा. मनजीत सिंह ढिल्लों ने स्पीकर संधवा सहित सभी मेहमानों का स्वागत किया और कहा कि इस दो दिवसीय टूर्नामेंट के दौरान पंजाब भर के 16 जिलों से विभिन्न आयु वर्ग की लगभग 400 लड़कियां प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं। प्रैस सचिव गुरिंदर सिंह महिंदीरत्ता के अनुसार इस स्टेट चैंपियनशिप के दौरान डा. प्रीतम सिंह छाैकर, हरप्रीत सिंह ढिल्लों, बलजीत सिंह खीवा, पप्पू लाहौरिया, गुरप्रीत सिंह काका, यूनाइटेड सोशल ऑर्गनाइजेशन और गुड मॉर्निंग वेलफेयर क्लब और अन्य विभिन्न संगठनों और संगठनों का भी बहुत सहयोग रहा। रैफरी और कमैंटरी में नरिंदरपाल सिंह पारस, योगराज सिंह, हरदेव सिंह, करमजीत सिंह, सुखदीप सिंह, हरदीप सिंह और गुरदेव सिंह शांति ने सेवाएं दीं।