पंजाब के वित्त मंत्री द्वारा शिक्षा से सम्बन्धित समान पर जीएसटी में किसी भी वृद्धि का विरोध

पंजाब

पंजाब के वित्त मंत्री द्वारा शिक्षा से सम्बन्धित समान पर जीएसटी में किसी भी वृद्धि का विरोध

जीएसटी कौंसिल की मीटिंग के दौरान पैंसिल-शार्पनरों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से न बढ़ाने के लिए कहा

पेट्रोल के साथ मिलाने के लिए रिफायनरियों को सप्लाई किये जाने वाले इथाइल अल्कोहल के लिए जीएसटी दरों में बदलाव का भी किया विरोध

ई-वे बिल संबंधी नियम 138 के उप-नियम (14) की धारा (डी) को हटाने पर असहमति की अभिव्यक्त

राज्य और देश दोनों के हितों में पेश की गई अन्य सिफ़ारिशों पर सहमति जतायी

चंडीगढ़………पंजाब वित्त, योजना, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के द्वारा जीएसटी कौंसिल की 48वीं मीटिंग में हिस्सा लेते हुये शिक्षा से सम्बन्धित वस्तुओं पर जीएसटी में किसी भी तरह के वृद्धि को विद्यार्थियों के हितों के खि़लाफ़ कदम बताते हुये पैंसिल शार्पनरों पर जीएसटी को मौजूदा 12 प्रतिशत से बढ़ा कर 18 प्रतिशत की स्लैब पर लाने के प्रस्ताव का विरोध किया। पंजाब के वित्त मंत्री की तरफ से उठाए गए इस नुक्ते का कई अन्य राज्यों के नुमायंदों ने भी समर्थन किया, जिसके बाद इस सम्बन्धित फ़ैसला टाल दिया गया।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, जो कि जीएसटी कौंसिल के चेयरपरसन हैं, के नेतृत्व अधीन हुई कौंसिल की मीटिंग के दौरान राज्य और देश दोनों के हितों को पूरा करने वाली फिटमेंट कमेटी की अलग-अलग सिफ़ारिशों पर सहमति प्रकटाते हुये वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने अहम विचार पेश किये।

इसी दौरान पेट्रोल के साथ मिलावट करने के लिए रिफायनरियों को सप्लाई किये जाने वाले इथाइल अल्कोहल के लिए जीएसटी की दरों में तबदीली के बारे एक अन्य सिफ़ारिश का विरोध करते हुये स. चीमा ने कहा कि पेट्रोल के साथ मिलाने के लिए रिफायनरियों को सप्लाई किये जाने वाले इथाइल अल्कोहल के लिए जीएसटी दरों में बदलाव से ई. एन. ए के दुरुपयोग और टैक्स की चोरी को रोकना एक बड़ी चुनौती होगा। उन्होंने इस सम्बन्ध में अपनी असहमति ज़ाहिर करते हुये भारत की सर्वोच्च अदालत की तरफ से हाल ही में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि पंजाब सरकार पहले ही ई. एन. ए के ग़ैर-कानूनी व्यापार के विरुद्ध जंग लड़ रही है।

ई-वे बिलों सम्बन्धी नियम 138 के उप-नियम (14) की धारा (डी) को हटाने संबंधी एक अन्य एजंडे पर असहमत होते हुये पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से राज्य की अंदरूनी सप्लाई पर ई-वे बिल जारी करने की सीमा निर्धारित करने की शक्ति ख़त्म हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब की तरफ से पहले ही इस सम्बन्ध में विनती की गई है कि कानूनी संशोधन करते हुये राज्यों को यह शक्ति दी जाये कि वह ऐसी वस्तुएँ जो राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हों, पर अपनी मर्ज़ी अनुसार ई-वे बिल जारी करने की सीमा निर्धारित कर सकें। उन्होंने कहा कि राज्य के राजस्व के नज़रिए से ऐसा करना महत्वपूर्ण होगा। जीएसटी कौंसिल ने इस सम्बन्ध में स्थिति ज्यों का त्यों रखने के लिए सहमति दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed