नेशनल गतका एसोसिएशन द्वारा तकनीकी अधिकारियों के लिए पुनश्चर्या शिविर
नेशनल गतका एसोसिएशन द्वारा तकनीकी अधिकारियों के लिए पुनश्चर्या शिविर
सभी शैक्षणिक संस्थानों, शहरों व गांवों में गतके को बढ़ावा देने की जरूरत : नरेश ठाकुर
चंडीगढ़
अपने तकनीकी अधिकारियों के कौशल को निखारने के उद्देश्य से, गतका की सबसे पुरानी संस्था, नेशनल गतका एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एन.जी.ए.आई.) ने गतका एसोसिएशन ऑफ पंजाब के सहयोग से अपने कोच, रेफरी और जजमेंट अधिकारियों के लिए एक पुनश्चर्या शिविर दशमेश खालसा कॉलेज, जीरकपुर में लगाया गया जिसमें 30 तकनीकी अधिकारियों ने भाग लिया, जिनका उद्देश्य संशोधित गतका नियमों और विनियमों के साथ अद्यतन होना था।
एन.जी.ए.आई. के महासचिव सिमरनजीत सिंह ने बताया कि यह कैंप नेशनल गतका एसोसिएशन के अध्यक्ष हरजीत सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में आयोजित किया गया और सभी तकनीकी अधिकारियों को गतका खेल के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को देखते हुए प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में चंडीगढ़ ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव नरेश ठाकुर ने अपने मुख्य भाषण में भारत भर के सभी प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों सहित शहरों और गांवों में गतका खेल को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। ठाकुर ने महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए इस मार्शल आर्ट को सीखने के लिए प्रेरित किया और इस प्राचीन कला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय खेल मंत्रालय से एन.जी.ए.आई. को जल्द मान्यता देने का आग्रह किया।
इस शिविर में एन.जी.ए.आई. के उपाध्यक्ष इंदरजोध सिंह, गतका एसोसिएशन पंजाब के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरबजीत सिंह लुधियाना, इंटरनेशनल सिख मार्शल आर्ट काउंसिल के राज्य कूर्डिनेटर सरबजीत सिंह जालंधर, चरणजीत कौर, रविंदर सिंह और वीरपाल कौर, सभी डायरेक्टर्स, एन.जी.ए.आई. कोचिंग और प्रशिक्षण निदेशालय, योगराज सिंह, राष्ट्रीय समन्वयक, एन.जी.ए.आई., इंद्रजीत सिंह, समन्वयक, चंडीगढ़ गतका एसोसिएशन, रमनप्रीत सिंह टांडा, राज्य समन्वयक, गतका एसोसिएशन पंजाब, इशविंदर सिंह राजस्थान गतका एसोसिएशन, गुरजिंदर सिंह, हुसनप्रीत कौर, हरियाणा से महिला कोच गुरप्रीत कौर, शहबाज़ सिंह, मनदीप सिंह, दलजीत सिंह और अन्य शख्सियतें भी मौजूद थीं।
सिमरनजीत सिंह ने आगे कहा कि इस शिविर ने गतका नियमों के ज्ञान का आदान-प्रदान करने और कौशल को निखारने के लिए एक मंच के रूप में काम किया है, जिससे देश और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गतका की समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने प्रति एन.जी.ए.आई. के मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।