जनपद रुद्रप्रयाग के क्रौंच पर्वत 3048 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित भगवान कार्तिक स्वामी के मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा एवं हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

रुद्रप्रयाग

 

जनपद रुद्रप्रयाग के क्रौंच पर्वत 3048 मीटर की ऊंचाई पर अवस्थित भगवान कार्तिक स्वामी के मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा एवं हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

*पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड देहरादून, जिला प्रशासन एवं मंदिर समिति के संयुक्त तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया*

 

*तमिलनाडू से आए मुख्य पुजारी माईलम एथेनम, कूनमपट्टी एथेनम, कौमारा मुत्त एथेनम, श्रृंगेरी मुत्तू सहित तमिलनाडू के प्रसिद्ध 6 मंदिरों के शिवाचार्य द्वारा दिव्य पूजा-अर्चना की गई*

 

उत्तराखंड पर्यटन विकास द्वारा जनपद के क्रौंच पर्वत में स्थित कार्तिकेय स्वामी मंदिर में भव्य 108 बालमपुरी शंख पूजा व हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें पर्यटन विभाग उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) भाष्कर खुल्बे, अपर सचिव यूकाडा सी रविशंकर, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार एवं दक्षिण भारत से आए शिवाचार्य व गुरुजनों ने पूजा अर्चना की।

इस अवसर पर विशेष कार्याधिकारी भाष्कर खुल्बे ने कहा कि कार्तिक स्वामी मंदिर में 108 बालमपुरी शंख से पूजा व हवन एवं दक्षिणा वर्त से स्वामी कार्तिकेय का भव्य जलाभिषेक किया गया। उन्होंने कहा कि भगवान का आशीर्वाद का प्रतीक है कि हम सब यहां पर आज उपस्थित हैं तथा भगवान का आशीर्वाद हमें अभी तक मिला है आगे भी मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि विकास की सीमा जो हमने कभी तय नहीं की हैं उनको पाकर चारधाम एवं कार्तिकेय स्वामी मंदिर में ऐसा परिवेश बनाएंगे जिससे सभी को आस्था, भक्ति और प्रेम का संगम सबको मिले। तमिलनाडू के 6 मठों से मुर्गन की पूजा करने वाले लोग आज कार्तिकेय को प्रणाम करने आए हैं तथा पारस्परिक संबंध इतना सुंदर बना है कि भारत को जोड़ने का एक तरीका है आस्था सबको साथ मिला ले इससे बड़ा कोई प्रमाण नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान से यही कामना है हम सब पर आशीर्वाद बना रहे।

इस अवसर पर अपर सचिव यूकाडा सी रविशंकर ने कहा कि पृथ्वी की परिक्रमा करने के बाद कार्तिकेय स्वामी यहां पर पहुंचे तो गणेश को श्रेष्ठ पद दिया गया है जिसके बाद कार्तिकेय ने अपनी माँ पार्वती से नाराज होकर यहाँ पर तपस्या की। इसके बाद कार्तिकेय दक्षिण भारत को चले गए। जहां उनकी मुरगन स्वामी के नाम से विशेष रूप से आराधना की जाती है। कार्तिक स्वामी मंदिर व कार्तिकेय स्वामी के जीवन के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि उत्तर भारत का यह कार्तिकेय स्वामी का एकमात्र मंदिर है। दक्षिण भारत में तमिलनाडू में भगवान कार्तिकेय के बहुत अनुयायी हैं तथा आज दक्षिण के शिवाचार्य आए हैं तथा सभी अनुयायी देश के आगे बढने की कामना कर रहे हैं। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल होने पर सभी शिवाचार्य, गुरुजनों एवं भक्तजनों का आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने कार्तिक स्वामी मंदिर आगमन पर मुख्य पुजारियों, शिवाचार्यों एवं मुख्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय स्वामी मंदिर में इस तरह से कार्यक्रम कराने का मुख्य उद्देश्य यह है कि इस क्षेत्र को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने एवं स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि कार्तिकेय मंदिर को पर्यटन के मानचित्र पर उभरकर आए इसके लिए पर्यटन की दृष्टि से इसे विकसित किया जा रहा है।

इस अवसर पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से श्रद्धालुओं पर पुष्पवर्षा की गई। पदम श्री शिवमणि व उनके साथियों द्वारा अपनी प्रस्तुति भी दी गई। साथ ही शिवाचायों व गुरुजनों व अतिथियों को सम्मानित भी किया गया।

इस अवसर पर कूनमपट्टी एथेनम, माईलम एथेनम, कौमारा, मुत्त एथेनम, श्रृंगेरी मुत्त, निदेशक प्रचार सुमित पंत, मुख्य विकास अधिकारी जीएस खाती, उप जिलाधिकारी आशीष घिल्डियाल, पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध कुमार घिल्डियाल, जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे, जिला पूर्ति अधिकारी मनोज कुमार डोभाल, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र महेश प्रकाश, एम वी अरोर सुब्रमण्यम, शिवाचार्य, राजेश वैद्य (वीणा) यू राजेश (मंगोलिन) प्रवीन नारायण, सांई हरिराम, जेएस के गोपी, जी मुरली कृष्णा, शत्रुघ्न नेगी अध्यक्ष मंदिर समिति, बलराम सिंह, सचिव, मंदिर समिति, विक्रम नेगी, उपाध्यक्ष मंदिर समिति, सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए अतिथि एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed