एनडीए/ एनए (I) 2025 में आरआईएमसी कैडेट ने पाया अखिल भारतीय प्रथम स्थान देश के अग्रणी सैन्य संस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धि   


 

‘हर काम देश के नाम’

 

एनडीए/ एनए (I) 2025 में आरआईएमसी कैडेट ने पाया अखिल भारतीय प्रथम स्थान देश के अग्रणी सैन्य संस्थान की ऐतिहासिक उपलब्धि

देहरादून

 

राष्ट्रीय भारतीय सैन्य महाविद्यालय (RIMC), देहरादून ने एक बार फिर अपने अनुकरणीय प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित किया है। पश्चिम बंगाल के कैडेट इमोन घोष ने एनडीए/एनए (I) 2025 परीक्षा में अखिल भारतीय प्रथम स्थान (AIR 1) प्राप्त कर RIMC की शैक्षणिक और सैन्य उत्कृष्टता को सिद्ध किया है।

यह प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है। कैडेट इमोन घोष की उपलब्धि न केवल उनकी व्यक्तिगत मेहनत का फल है, बल्कि यह उस अनुशासित प्रशिक्षण, कठोर अकादमिक प्रणाली और निरंतर मार्गदर्शन का प्रमाण है जो RIMC अपने छात्रों को प्रदान करता है।

 

इस वर्ष RIMC के 28 कैडेट्स ने UPSC की अंतिम चयन सूची में स्थान प्राप्त किया – जो किसी भी एकल संस्थान से सर्वाधिक है, और अपने आप में एक राष्ट्रीय कीर्तिमान है।

 

शीर्ष 20 में स्थान पाने वाले अन्य कैडेट्स:-

 

कार्तिक पंत – AIR 5

 

ब्रह्म स्वरूप दास – AIR 14

 

श्रवण अग्रवाल – AIR 15

 

आदित्य राज – AIR 17

 

इस अद्वितीय सफलता के पीछे RIMC के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल का प्रेरणादायक नेतृत्व, और ARTRAC (Army Training Command) के सुदृढ़ मार्गदर्शन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। कैडेट्स के चरित्र निर्माण, सैन्य नेतृत्व क्षमताओं के विकास और अकादमिक उत्कृष्टता पर विशेष बल दिया गया।

 

श्री पी.के. जैन और कर्नल हरी बिष्ट के नेतृत्व में करियर मेंटरशिप व SSB की तैयारी के लिए विशिष्ट मार्गदर्शन ने कैडेट्स को संपूर्ण चयन प्रक्रिया के लिए सक्षम बनाया। विषय विशेषज्ञ अध्यापकों ने भी अकादमिक तैयारी के साथ रणनीतिक सहयोग प्रदान किया।

 

कर्नल राहुल अग्रवाल ने कहा, “हमें अपने कैडेट्स की उपलब्धियों पर अत्यधिक गर्व है। RIMC में उत्कृष्टता कोई घटना नहीं, बल्कि एक दैनिक अनुशासन है। ‘बल और विवेक’ हमारे हर कदम का मार्गदर्शक सिद्धांत है।”

 

यह उपलब्धि RIMC के उस मूल उद्देश्य की पुष्टि करती है जिसके अंतर्गत भारतीय सशस्त्र सेनाओं को नैतिक, साहसी और नेतृत्वशील अधिकारी प्रदान किए जाते हैं। NDA/NA 2025 में RIMC की यह ऐतिहासिक सफलता, संस्थान की गौरवशाली परंपरा में एक और स्वर्णिम अध्याय को जोड़ती है।

 

 

 

 


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