अक्षय ऊर्जा के स्रोतों को प्रोत्साहित करना मान सरकार की मुख्य प्राथमिकता: अमन अरोड़ा

पंजाब

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री द्वारा पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी के अहम प्रोजैक्टों की समीक्षा

अधिकारियों को बठिंडा और लहरा मोहब्बत में फ्लोटिंग सोलर पी.वी. प्रोजैक्टों और कैनाल टॉप सोलर पी.वी. प्रोजैक्टों की संभावनाएं तलाशने के निर्देश

चंडीगढ़……नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) के अहम प्रोजैक्टों की समीक्षा करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार राज्य के लोगों के लिए साफ़-सुथरा और हरा-भरा वातावरण सुनिश्चित बनाने के लिए प्राकृतिक सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग और अक्षय ऊर्जा स्रोतों को और अधिक प्रोत्साहित करेगी।

यहाँ पेडा भवन में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह कृषि पंपों के सौर ऊर्जाकरण की संभावनाएं तलाशें, क्योंकि बहुत से किसान अभी भी सिंचाई के लिए डीज़ल पंपों का प्रयोग करते हैं, जिससे एक ओर कृषि पर लागत बढ़ती है और दूसरी ओर वातावरण भी प्रदूषित होता है, परन्तु हमारी सरकार कृषि पर लागत घटाकर किसानों की आमदन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

इस दौरान कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि राज्य में सौर ऊर्जा से चलने वाले कुल 15,525 पंप लगाए जा चुके हैं और वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए भारत सरकार से 9000 पंपों के सौर ऊर्जाकरण सम्बन्धी लक्ष्य की माँग की गई है। गौरतलब है कि राज्य में फसलों की सिंचाई के लिए लगभग 13.88 लाख बिजली से चलने वाले ट्यूबवैलों का प्रयोग किया जा रहा है, जिसके लिए पंजाब सरकार द्वारा सालाना 6988 करोड़ रुपए की मुफ़्त बिजली मुहैया करवाई जा रही है।

श्री अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को गुरू नानक देव थर्मल प्लांट, बठिंडा और गुरू हरगोबिन्द थर्मल प्लांट, लहरा मोहब्बत में फ्लोटिंग सोलर पी.वी. प्रोजैक्टों सम्बन्धी संभावनाएं तलाशने के साथ-साथ राज्य में और अधिक कैनाल टॉप सोलर पी.वी. प्रोजैक्ट लगाने सम्बन्धी अध्ययन करने के लिए भी कहा।

पेडा के मुख्य कार्यकारी श्री सुमित जारंगल ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि नहरों पर लगभग 1750 मेगावाट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजैक्ट लगाए जा सकते हैं और जिसमें से 20 मेगावाट के प्रोजैक्ट लगाए जा चुके हैं।

बैठक के दौरान गोदामों/शैडों की छतों पर पी.वी. प्रोजैक्ट लगाने संबंधी भी चर्चा की गई। कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और मज़बूत करने और फ़सल अवशेषों का बेहतर उपयोग के लिए कम्प्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोजैक्ट लगाने की संभावनाएं तलाशने के निर्देश दिए। उन्होंने आगे कहा कि सौर ऊर्जा, बायोगैस और पर्यावरण समर्थकीय ऊर्जा सम्बन्धी अन्य तकनीकों को राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण और लाभप्रद साबित होंगी।

धान की पराली को ईंधण के रूप में प्रयोग के लिए राज्य में लगाए जा रहे कम्प्रेस्ड बायोगैस प्रोजैक्टों के बारे में चर्चा के दौरान कैबिनेट मंत्री को बताया गया कि पेडा द्वारा आवंटित किए गए 492.58 टीपीडी सीबीजी के उत्पादन के लिए लगाए जा रहे 42 कम्प्रेस्ड बायोगैस प्रोजैक्टों में सालाना तकरीबन 1.8 मिलियन टन धान की पराली का उपभोग होने की संभावना है। संगरूर जि़ले के गाँव भुटाल कलाँ (तहसील लहरागागा) में 33.23 टन सीबीजी प्रतिदिन की कुल क्षमता वाला सबसे बड़ा प्रोजैक्ट शुरू हो गया है। इसके साथ ही 15 टीपीडी के दो अन्य सीबीजी प्रोजैक्ट प्रक्रिया अधीन हैं। इन प्रोजैक्ट के इस साल के अंत तक कार्यशील होने की संभावना है।

श्री अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को हिदायत की कि आज बैठक में विचारे गए इन प्रोजैक्टों के बारे में विषय आधारित विस्तृत नोट तैयार किया जाए, जिससे इन पर सरकार में उच्च स्तर पर विचार-विमर्श किया जा सके।

पर्यावरण प्रदूषण की समस्या के प्रति पिछली सरकारों की बेरुख़ी वाले रवैये पर नाराजग़ी ज़ाहिर करते हुए कैबिनेट मंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अक्षय ऊर्जा और वातावरण समर्थकीय ऊर्जा की ओर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल हमें हरे-भरे और साफ़-सुथरे पंजाब के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्बन उत्सर्जन को घटाने में मददगार होगा, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी बड़ा कदम साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed