सिरमौर में निर्माण कार्य से जुड़े कामगार सरकार की योजनाओं का लाभ लेने के लिए करें पंजीकरण -राम कुमार गौतम
हिमाचल
कामगारों को बच्चों की पढ़ाई से लेकर शादी के लिए मिलती है आर्थिक सहायता
योजना के अर्न्तगत जिला में 15300 लोग पंजीकृत, 11331 कामगारो को मिला 6 करोड 99 लाख से अधिक की आर्थिक सहायता
नाहन – जिला सिरमौर में प्रदेश सरकार द्वारा सभी कामगार व उसके परिवार को बेहतर सुविधाएं मिले, इसके लिए हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि श्रमिकों तथा उनके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करके इनके जीवन स्तर में सुधार लाया जा सके। इसके लिए जिला के सभी विकासखंडो में 5 जुलाई से 30 जुलाई 2022 तक पंजीकरण के लिए व्यापक अभियान चलाया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने दी।
उन्होंने बताया कि पंजीकृत कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से पंजीकृत व्यक्ति को शादी हेतु वित्तीय सहायता, मातृत्व एवं पितृत्व सुविधा, दो बच्चों की पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता, चिकित्सा सहायता, पेंशन सुविधा, विकलांगता पेंशन और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद श्रमिक को एक हजार रुपये पेंशन का भी प्रावधान है। दुर्घटना या बीमारी के कारण विकलांग हुए श्रमिकों को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है। 50 प्रतिशत से अधिक विकलांग होने पर 50000 रुपये और 50 प्रतिशत से कम विकलांगता पर 25000 रुपये आर्थिक मदद दी जाती है। पंजीकृत श्रमिक की किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 4 लाख रुपये की राहत राशि दी जाती है। प्राकृतिक मृत्यु पर भी दो लाख रुपये की सहायता दी जाती है। अंतिम संस्कार के लिए भी 20 हजार रुपये की मदद दी जाती है। पंजीकृत लाभार्थियों को सरकारी अस्पताल या सरकार द्वारा अनुमोदित निजी अस्पतालों से चिकित्सा बिल प्रस्तुत करने पर प्रतिवर्ष बाह्या उपचार के 50 हजार रुपये और इंडोर चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपये और गंभीर बीमारी के लिए पांच लाख रुपये तक की धनराशि प्रदान की जाती है।
उन्होंने बताया कि बच्चों की पढ़ाई के लिए भी दी जाती है आर्थिक सहायता पंजीकृत श्रमिकों के दो बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रति वर्ष प्रथम कक्षा से आठवीं तक 8400 और, नौंवीं कक्षा से बारहवीं तक 12000 रुपये, स्नातक बीए, बीएससी, बीकॉम और बीबीए के लिए 36000 हजार रुपये, स्नातकोत्तर में कला, वाणिज्य और विज्ञान के लिए 60000 रुपये का प्रावधान है। एक वर्ष, दो वर्ष और तीन वर्ष के डिप्लोमा के लिए 48000 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसी प्रकार व्यावसायिक शिक्षा मेडिकल, इंजीनियरिंग, पीएचडी और अनुसंधान हेतु 1लाख 20000 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है।
इस योजना के तहत पंजीकृत महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय या बच्चे के जन्म पर 25000 रुपये की मदद मिलती है। दो प्रसवों तक महिलाओं को समय-समय पर प्रचलित न्यूनतम मजदूरी की दर से 90 दिन से 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश और 6000 हजार रुपये की राशि का प्रावधान है। पुरुष लाभार्थी को भी पितृत्व सुविधा के तहत बच्चे के जन्म पर 1000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है। पंजीकृत अविवाहित श्रमिक को स्वयं के विवाह हेतु 51000 रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा विवाहित श्रमिक के दो बच्चों की शादी के लिए भी 51-51 हजार रुपये की सहायता मिलती है।
उपायुक्त ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत अब तक सिरमौर जिला में 15300 लोगों को पंजीकृत किया गया है जिसमें 4892 मनरेगा मजदूर वह 10408 अन्य पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 11331 लोगों को अब तक 6 करोड 99 लाख 35 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है। उन्होंने बताया कि 11336 लोगों में 1178 लोगों को शादी के लिए वित्तीय सहायता जबकि 4224 लोगों को शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता, 75 को मातृत्व प्रसुविधा, 36 लोगों को पितृत्व सुविधा, 92 को चिकित्सा सहायता, 2039 लोगों को केरोसिन स्टोव, 29 को अंतिम संस्कार हेतु सहायता दी गई है।
उन्होंने बताया कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार, अधिनियम, 1996 के अनुसार भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य से तात्पर्य भवनों के निर्माण, मार्गों, सड़कों, सिंचाई, जल निकास, बाढ़ नियंत्रण कार्य, वर्षा जल निकास कार्य, विद्युत के उत्पादन, पारेषण एवं वितरण, जल संबंधी कार्य (जिसमें जल के वितरण के लिए चौनल), तेल तथा गैस स्थापना संबंधित कार्य, विद्युत लाईनों, बेतार रेडियो, टीवी, टेलीफोन, तार तथा ओवर्सीज संचार माध्यमों, बाधों, नहरों, जलाशयों, सुरंगों, पुल-पुलियों, पाइप लाइनों, टावर, शीतलन टावर, पारेषण टावरों को निर्माण कार्यों में सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त निर्माण, अल्ट्रेशन, मुरम्मत, रखरखाव या निर्माण गिराया जाने से संबंधित कार्य में शामिल हैं। ऐसे सभी कामगारो को इस जोजना के अर्न्तगत लाभ मिलेगा।
राम कुमार गौतम ने बताया कि पंजीकरण के लिए कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए तथा उसने पंजीकरण से पूर्व 90 दिन जिला के किसी भी ठेकेदार के पस निर्माण कार्य व मनरेगा में कार्य कर रहे श्रमिकों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
उपायुक्त ने श्रम विभाग के अधिकारी जितेन्द्र बिन्द्रा को निर्देश दिए है, कि कोरोना कार्यकाल से पहले निर्माण कार्य में कार्य कर रहे लोगों के कार्य दिन और वर्तमान के कार्य दिन को जोड़कर कामगार को भी इस योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए पंजीकरण के लिए रोजगार सेवकों की मदद ली जाएगी।
उन्होंने बताया कि पात्र व्यक्ति को पंजीकरण के लिए संबंधित श्रम अधिकारी के कार्यालय में दो पासपोर्ट फोटो सहित आयु प्रमाण पत्र के लिए स्थापित प्रति जैसे कि परिवार रजिस्टर की प्रति स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया गया जन्म प्रमाण पत्र आधार कार्ड ड्राइविंग लाइसेंस निर्वाचन मतदाता कार्ड मान्य होंगे। उन्होंने बताया कि पंजीकरण के लिए मात्र 1 रुपये देना होगा जबकि बोर्ड से लगातार लाभ प्राप्त करने के लिए 9 रुपये के दर से अग्रिम में अंशदान जमा करवाना होगा।
उन्होंने बीडीओ और ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधियों से भी अपने-अपने क्षेत्रों के कामगारों और मनरेगा के मजदूरों का पंजीकरण सुनिश्चित करने को कहा है।
हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड योजनाओं का लाभ लेने के लिए पात्र श्रमिक श्रम निरीक्षक भूपेश शर्मा के मोबाइल नंबर 82196-68996 या कार्यालय के दूरभाष नंबर 01702-226144 पर संपर्क कर सकते हैं।