अब मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक का सम्पूर्ण भुगतान किया जा सकेगा।

देहरादून …..

महात्मा गाँधी नरेगा योजनांतर्गत केन्द्रांश न मिल पाने के कारण राज्यभर में मनरेगा के श्रमिकों को विगत नौ माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा था। ग्रामीण विकास मंत्री, गणेश जोशी ने बताया है कि ‘‘लगातार प्रयासों तथा केन्द्र सारकार के साथ हुई वार्ताओं को शानदार परिणाम आया है। केन्द्र सरकार की ओर से मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक तथा सामाग्री भुगतान हेतु पैसा जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से भी राज्य सरकार का अंश मिला कर जनपदों को बजट जारी कर दिया गया है’’। अब मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक का सम्पूर्ण भुगतान किया जा सकेगा।

सामग्री एवं प्रशाशनिक मद में भारत सरकार के स्तर से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 29 मई 2021 को 96.67 करोड़ की राशि निर्गत की गयी थी। इसके उपरांत पूरे वित्तीय वर्ष में राज्य को सामग्री मद में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। मार्च 2022 तक सामग्री मद में पूरे राज्य में लगभग 250 करोड़ की राशि की देनदारी हो चुकी है। जिसमें कुशल / अकुशल श्रमिक का पारिश्रमिक, सामग्री भुगतान एवं मनरेगा कार्मिकों का लगभग नौ माह का मानदेय सम्मिलित था।

भारत सरकार द्वारा इस लंबित देनदारी के सापेक्ष 31 मार्च 2022 को रु 47. 41 करोड़ केन्द्रांश के रूप में निर्गत किये जिसमें राज्य का 25 प्रतिशत अंश मिलते हुए रु 61.17 करोड़ जनपदों को अवमुक्त किये गए हैं। जिससे कर्मियों के मानदेय की सम्पूर्ण देता और सामग्री अंश के कुछ हिस्से का भुगतान किया जा सके।

 

देहरादून

महात्मा गाँधी नरेगा योजनांतर्गत केन्द्रांश न मिल पाने के कारण राज्यभर में मनरेगा के श्रमिकों को विगत नौ माह से वेतन का भुगतान नहीं हो पा रहा था। ग्रामीण विकास मंत्री, गणेश जोशी ने बताया है कि ‘‘लगातार प्रयासों तथा केन्द्र सारकार के साथ हुई वार्ताओं को शानदार परिणाम आया है। केन्द्र सरकार की ओर से मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक तथा सामाग्री भुगतान हेतु पैसा जारी कर दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से भी राज्य सरकार का अंश मिला कर जनपदों को बजट जारी कर दिया गया है’’। अब मनरेगा श्रमिकों के पारिश्रमिक का सम्पूर्ण भुगतान किया जा सकेगा।

सामग्री एवं प्रशाशनिक मद में भारत सरकार के स्तर से वित्तीय वर्ष 2021-22 में 29 मई 2021 को 96.67 करोड़ की राशि निर्गत की गयी थी। इसके उपरांत पूरे वित्तीय वर्ष में राज्य को सामग्री मद में कोई राशि प्राप्त नहीं हुई। मार्च 2022 तक सामग्री मद में पूरे राज्य में लगभग 250 करोड़ की राशि की देनदारी हो चुकी है। जिसमें कुशल / अकुशल श्रमिक का पारिश्रमिक, सामग्री भुगतान एवं मनरेगा कार्मिकों का लगभग नौ माह का मानदेय सम्मिलित था।

भारत सरकार द्वारा इस लंबित देनदारी के सापेक्ष 31 मार्च 2022 को रु 47. 41 करोड़ केन्द्रांश के रूप में निर्गत किये जिसमें राज्य का 25 प्रतिशत अंश मिलते हुए रु 61.17 करोड़ जनपदों को अवमुक्त किये गए हैं। जिससे कर्मियों के मानदेय की सम्पूर्ण देता और सामग्री अंश के कुछ हिस्से का भुगतान किया जा सके।

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