पीएम ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सख्त एहतियाती उपायों के साथ आर्थिक गतिविधियां चलती रहनी चाहिएं।
हिमाचल सरकार ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य में वीकेंड कर्फ्यू लगाने की लगभग पूरी तैयार कर ली थी। जिसके तहत पहले चरण में सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति को आधा किया गया। उसके बाद रात्रि कर्फ्यू लगाया गया। शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में लोगों को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सरकार और बंदिशें लगा देगी, क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब लोगों के जहन में यही सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकार ने ऐसा क्याें किया। क्या कोरोना संक्रमण का असर कम हो गया है या फिर कोई और कारण है?
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक में कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की गई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधा संदेश दिया कि राज्य सरकारें बंदिशें बढ़ाने के दौरान गरीब आदमी की रोजी-रोटी का जरूर ध्यान रखें। सरकार की पाबंदियों से किसी की रोजी-रोटी पर संकट नहीं आना चाहिए। इसके बाद सरकार को वीकेंड कर्फ्यू की तैयारी को बदलना पड़ा। पीएम ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सख्त एहतियाती उपायों के साथ आर्थिक गतिविधियां चलती रहनी चाहिएं।